पांच दिनों से विदेशी कोयले की संकट से जूझ रहे बीएसपी प्रबंधन ने गुरुवार की शाम उस वक्त राहत महसूस की जब विशाखापट्टनम बंदरगाह से कोयले से भी एक रैक पहुंची। वहीं दूसरी रैक के देर रात तक पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा तीन और रैक रवाना होने को तैयार है। इधर दूसरे दिन भी बीएसपी में चार मिलों में उत्पादन बंद रहा। बीएसपी में प्रतिदिन पांच रैक विदेशी कोयले की ज़रुरत होती है। लेकिन बीते पखवाड़े भर से किसी दिन तीन तो किसी दिन दो रैक ही पहुंच पा रही थी। इसके कारण प्रबंधन को रिजर्व स्टाक का कोयला इस्तेमाल करना पड़ा। इस वजह से रिजर्व स्टाक का कोयला भी घटकर दो दिन का ही स्टाक रह गया है। जबकि बीएसपी में विदेशी कोयले का हर समय 20 दिनों का स्टाक रखा जाता है। कोयले के संकट को देखते हुए बीएसपी प्रबंधन ने बुधवार को पहले शिफ्ट से तीन फर्नेस को लो ब्लास्ट में करने के साथ ही रेल स्ट्रक्चर मिल, वायर रॉड मिल, बार एंड रॉड मिल और मर्चेंट मिल में उत्पादन बंद करना पड़ा। कोयले की कमी की वजह से यहां भी गुरूवार को उत्पादन बंद रहा। वर्तमान में उपलब्ध गैस से सिर्फ यूनिवर्सल रेल मिल एवं प्लेट मिल में रोलिंग जारी है। कोयले की रैक पहुंचने के बाद भी बीएसपी में उत्पादन सामान्य होने में तीन दिन का समय लगेगा। क्योंकि पहले कोकिंग गैस का उत्पादन सामान्य होगा। उसके बाद फर्नेस में गैस का उत्पादन पटरी पर लौटेगा। इस प्रक्रिया में ही दो दिन लगेंगे। उसके बाद तीसरे दिन से मिलों में कोकिंग गैस और फर्नेस गैस को मिक्स कर सप्लाई किया जा सकेगा।