उत्तर प्रदेश की सियासत 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नई करवट ले रही है. सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर की फिर से बीजेपी के साथ नजदीकियां बढ़ रही हैं तो दूसरी तरफ तीन साल के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव को किसी मुद्दे पर बसपा अध्यक्ष मायावती का साथ मिला है. इसके बाद सूबे में कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 में बसपा-सपा क्या फिर साथ आएंगे या मायावती ने बीजेपी के बी-टीम होने के नेरेटिव तोड़ने का दांव चला है? विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन सोमवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव की अगुआई में उनके पार्टी के विधायकों ने कानून व्यवस्था, महंगाई जैसे मुद्दों पर पैदल मार्च निकाला था. पुलिस ने बैरिकेडिंग करके उन्हें विधानसभा पहुंचने से पहले रोक दिया था. ऐसे में अखिलेश विधायकों के संग बीच रास्ते में धरने पर बैठक गए थे और वहीं पर डमी सदन चलाया. इस तरह अखिलेश ने मॉनसून सत्र के पहले दिन संदेश दे गए, जो वह देना चाहते थे.