गोद लेने की प्रथा बढ़ रही है। ऐसे माता पिता जिनकी संतान नही हैं, वह गोद लेकर इस कमी को पूरा करना चाहते है। गोद लेने के कुछ नियम बनाए गए है। यह सुप्रीम कोर्ट की वकील आभा सिंह बता रही हैं गोद लेने की प्रक्रिया बच्चों को गोद कौन और किस तरह ले सकता है।? देश मे गोद लेने के लिए सेंट्रल अडाँप्शन रिसाँर्स अथाँरिटी ( कारा) है। यह महिला एंव बाल विकास मंत्रालय के तहत आने वाला वैधानिक निकाय है, जो नोड़ल एजंेसी के रुप मे काम करता है। ऐसे बच्चे जो बेसहारा, माँ बाप द्वारा छोडे गए आदि हों, उन्हे गोद लिया जा सकता है। गोद लेने के इच्छुक होगा (पीएपी) कारा को अपना आवेदन वेबसाइड़ पर भेजेंगे। इस अर्जी की समीक्षा कारा की विशेषज्ञ एजेंसी करेगी। गोद लेने के लिए जरुरी कागजात क्या हैं? वोटर कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस बिजली बिल जैसा कोई भी एक पहचान पत्र जरुरी है। सिंगल पर्सन को गच्चा गोद लेने का अधिकार है।? बच्चा गोद लेने वाला शख्स अगर सिंगल है तो उसे अपने सगे संबंधियो से लिखित मंजूरी दिलानी होगी कि उसे अगर कुछ होता है तो वह बच्चे की देखभाल करेगें। महिला किसी को भी गोद ले सकती है।