जिला अस्पताल में इलाज के नाम पर खरीदी गई मशीनों का लोगों को फायदा नही मिल रहा। ऐसे करीब साढ़े 8 करोड़ रुपए के समानों से एक मरीज का इलाज नही हो पाया है। इन मशीनो मे 40 लाख की एफेरेसिस और 19 लाख की फेको मशीन भी शामिल हैं। एक स्वस्थ मनुष्य से 50 हजार तक प्लेटलेट निकालने वाली एफेरेसिस मशीन मौजूद समय में किसी एक को भी फायदा पहंुचाए बिना कबाड़ में हो गई है। 7 साल मे एक बार भी उपयोग नही हो पाने से मोतियाबिंद के आँपरेशन के लिए लाई गई फेको मशीन को उपयोग के लिए रायपुर भेजा गया है। सांसे दिलाने वाली 8 करोड के 85 वेटिलेटर भी अब शो पीस बन गए हैं। दोनो प्रमुख ओटी मे उपयोग हो रहा है।