Thu. Jan 16th, 2025

राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सियासी चर्चाओं का बाजार फिर गरम हो रहा है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर लगातार बयान दे रहे हैं। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन भी राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कई बार अपनी डेडलाइन बदल चुके हैं।

लेकिन हकीकत यह है कि राजनीतिक नियुक्तियों का काम इस सरकार के कार्यकाल में कभी भी नहीं अटका। न तो सियासी संकट और न ही कोरोना की कोई लहर इन नियुक्तियों का रास्ता रोक पाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब चाहा जिसे चाहा राजनीतिक नियुक्ति दी।

संवैधानिक बाध्यताओं वाली नियुक्तियों को छोड़ भी दें तो प्रदेश में अब तक इनके अलावा भी हजारों नियुक्तियां हो चुकी हैं। इसमें से कई ऐसे नाैकरशाहाें काे दी गई हैं, जाे विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार थे। उन्हें टिकट नहीं मिला ताे अब राजनीतिक कुर्सी के जरिए उनकी ताजपाेशी की गई है।

नगर पालिकाओं में मनोनीत पार्षदों से लेकर अब तक करीब 5 हजार वकीलों की तैनाती की जा चुकी है। विधानसभा सत्र के दौरान सरकार मनोनीत पार्षदों की संख्या बढ़ाए जाने के लिए एक्ट में संशोधन भी करवा चुकी है। इसके तहत अगले एक सप्ताह में कुछ नगर पालिकाओं में मनोनीत पार्षदों की तैनाती की सूची भी जारी हो सकती है।

प्रदेश स्तर पर पहली राजनीतिक नियुक्ति संगीता बेनीवाल की हुई

प्रदेश स्तर पर बड़ी नियुक्तियाें की बात करें तो सीएम अशोक गहलोत के चहेते करीब एक दर्जन नौकरशाहों को अब तक महत्वूपर्ण पदों पर तैनाती दी जा चुकी है। हालांकि, प्रदेश स्तर पर सबसे पहली राजनीतिक नियुक्ति बाल आयोग में संगीता बेनीवाल की हुई थी। लेकिन इसके पीछे हाईकोर्ट का दबाव था। हाईकोर्ट ने सरकार को आयोग में तैनाती के लिए अल्टीमेटम दिया था।

करीब एक दर्जन नौकरशाहों को इन अहम जगहों पर लगाया

बीएन शर्मा (पूर्व आईएएस)

– चेयरमैन विद्युत नियामक आयोग

एनसी गोयल (पूर्व आईएएस)

– चेयरमैन रेरा

शैलेंद्र अग्रवाल (पूर्व आईएएस)

– सदस्य रेरा

हरिप्रसाद शर्मा (पूर्व आईपीएस)

– चेयरमैन, राज्य कर्मचारी चयनबोर्ड

आलोक त्रिपाठी (पूर्व आईपीएस)

– वीसी, सरदार पटेल विश्वविद्यालय

रामलुभाया (पूर्व आईएएस)

जवाबदेही कमेटी के चेयरमैन

जीएस संधू (पूर्व आईएएस)

– पट्‌टा वितरण अभियान की आय कमेटी

जगरूप सिंह (पूर्व आईएएस)

– सदस्य सिविल सेवा अपील अधिकरण

{मातादीन शर्मा (पूर्व आईएएस)

– सदस्य सिविल सेवा अपील अधिकरण

बन्ना लाल (पूर्व आईएएस)

– सदस्य सचिव राज्य वित्त अायाेग

गाेविंद शर्मा (पूर्व आईएएस)सलाहकार मुख्यमंत्री

नगर पालिकाओं में पांच हजार से ज्यादा वकील नियुक्त किए

  • नगर पालिकाओं में मनोनीत पार्षद
  • नगर पालिकाओं में 5 हजार से ज्यादा वकील
  • संगीता आर्य (मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी ) सदस्य आरपीएससी
  • हाउसिंग बोर्ड- चैयरमैन, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल
  • मंजू शर्मा (कुमार विश्वास की पत्नी) – आरपीएससी सदस्य
  • रीको- स्वतंत्र निदेशक, विधायक प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल, सुनील परिहार (जोधपुर से)

…लेकिन इन पदों पर अब भी नियुक्तियों का इंतजार हाे रहा है

जन अभाव अभियोग निराकरण समिति, महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, एससी आयोग, एसटी आयोग, ओबीसी आयोग, किसान आयोग, वरिष्ठ नागरिक बोर्ड, हज कमेटी, निशक्त जन आयोग, खादी बोर्ड और समाज कल्याण बोर्ड सहित 40 से ज्यादा आयोगों में इंतजार।

Spread the love

Leave a Reply

You missed

भारत में पशुपतिनाथ की नगरी मंदसौर में आईएफडब्लूजे और आइसना के तत्वाधान में पत्रकार महासम्मेलन सम्पन्न पत्रकार सुरक्षा कानून भारत के पत्रकारो के अस्तित्व की प्रमुख सर्वश्रेष्ठ संघर्ष : अवधेश भार्गव पत्रकार लोकतंत्र का चौथा नहीं अपितु महत्वपूर्ण स्तम्भ, जनता और प्रशासन के मध्य सेतु है पत्रकारिता : सुधीर गुप्त ए के शर्मा/राष्ट्रीय ख़बर मन्दसौर : भारत के पत्रकारों का सशक्त संगठन आईएफडब्लूजे व आइसना का संयुक्त राष्ट्रीय 12 जनवरी 2025 को भारत के मध्यप्रदेश स्थित श्रीपशुपतिनाथ की पावन नगरी मंदसौर में पत्रकारों का महासम्मेलन सम्पन्न हुआ। पत्रकारों के गरिमामय आयोजन में आईएफडब्लूजे एवं आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार अवधेश भार्गव, राष्ट्रीय महासचिव इरशाद खान, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अविनाश जाजपुरा, प्रदेश अध्यक्ष शंकर राज शर्मा मुख्यतः शामिल हुए। उपर्युक्त महाधिवेशन में मुख्य अतिथि क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्त, विधायक विपिन जैन, पुलिस अधीक्षक अभिषेक आनंद, समाजसेवी नाहरु भाई, वरिष्ठ पत्रकार डॉ बटवाल शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती वंदना व माल्यार्पण उपरांत, दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। इसके पश्चात मंदसौर के वरिष्ठ पत्रकार डॉ बटवाल के वार्षिक कैलेंडर का विमोचन किया गया। तत्पश्चात सभी अतिथियों का आइसना जिला अध्यक्ष मुकेश आर्य और उनकी टीम ने स्वागत व अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में नीमच हेडलाइंस संपादक अविनाश जाजपुरा ने पत्रकारों की वर्तमान स्थिति के सम्बन्ध में मुख्य अतिथियों को अवगत कराया। मंदसौर पुलिस अधीक्षक एवं सांसद सुधीर गुप्त से कहा गया कि पत्रकारों किसी भी मामले में पहले जांच पड़ताल हो और आरोप सिद्ध होने के बाद काण्ड अंकित किया जाये। इसको गंभीरता पूर्वक सांसद श्री गुप्ता ने तुरंत ही पुलिस अधीक्षक को मामलो में गंभीरता को समझते हुए जांच पश्चात् कार्रवाई का निर्देश दिया। सांसद श्री गुप्ता ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र का महत्वपूर्ण अंग है, पत्रकार आम जनता व प्रशासन के मध्य की बात को गंभीरता पूर्वक रखता है एवं प्रशासन और जनता के मध्य सेतु का कार्य करता है। विधायक विपिन जैन ने कहा कि पत्रकारों से समाज को एक दशा और दिशा मिलती है। पत्रकार राष्ट्र के सजग प्रहरी के रुप में देश के विकास में बड़ा योगदान देते हैं। पुलिस अधीक्षक अभिषेक आनंद ने कहा कि कई बार ऐसा देखा गया है कि बिना जांच यह बिना तथ्यों के समाचार प्रकाशित कर कुछ लोग पत्रकारिता को दूषित करने का कुत्सित प्रयास करते हैं। ऐसे में जागरुक पत्रकारों का कर्त्तव्य है कि ऐसे लोगों को बाहर कर पत्रकारिता को कलंकित होने से बचाये। पत्रकार महासम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अवधेश भार्गव ने पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग किया। उन्होंने आगत अतिथियों को बताया और पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि शासन की बीमा योजनाओं का पत्रकार साथियों को उपयोग करना चाहिए। पत्रकारों के सम्मान निधि प्रारम्भ करने पर मध्य प्रदेश शासन को बधाई दी। अब 60 वर्ष से ऊपर के पत्रकार साथियों को शासन प्रदत्त 20000 हजार रुपये की सम्मान राशि प्रतिमाह प्रदान की जा रही है। यह पत्रकार संगठन की एकजुटता का परिचय है। श्री भार्गव ने यह भी बताया कि संगठन का संघर्ष निरंतर जारी रहेगा और पत्रकारहितो के लिए नियमित संघर्षरत रहेगा। कार्यक्रम पश्चात सभी आये हुए अतिथियों को जिलाध्यक्ष मुकेश आर्य और उनकी टीम ने प्रतिक चिन्ह, शॉल, श्रीफल से सम्मानित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अविनाश जाजपुरा और जिला सचिव प्रदीप भाटी ने किया।