जिले के भांसी गांव मे नक्सली सरेंडर पर बवाल हो गया। ग्रामीणो ने फर्जी सरेंडर कराने का आरोप लगाते हुए भांसी थाने के सामने सडक पर बैठे चक्काजाम कर दिया और जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणो का आरोप था कि मंगलवार को जिस ग्रामीण महिला को पुलिस ने नक्सली बताकर सरेंडर कराया था, असल मे वो 49 साल की महिला, नक्सली नही है।
मंगलवार को पुलिस भांसी गांव के बुधराम पारा की रहने वाली आयती तेलाम को उसके घर से उठाकर ले गई थी सुबह 11 बजे से शाम तक पुलिस थाने मे ही बिठाकर रखा गया था। फिर शाम के समय पता चला कि पुलिस ने उसका सरेंडर करवा दिया है ग्रामीणो ने कहा कि आयत नक्सली नही है। बुधवार की सुबह करीब 9 बजे से इलाके के सैकडो ग्रामीण पुलिस थाना का घेराव करने के लिए पहुंच गए थे। ग्रामीणो का कहना है कि गांव की एक बेकसूर महिला को पुलिस ने नक्सली बताया और उसे पकड़कर थाने लेकर गए। जिसके बाद उसका शाम के वक्त सरेंडर करवा दिया गया। ग्रामीणो ने कहा कि 2007 के बाद महिला नक्सल संगठन मे संक्रिय नही है तो उसके सरेंडर का कोई औचित्य ही नही है। इस मामले को लेकर इलाके के लोगो ने थाना प्रभारी को हटाने के मांग भी की है। इधर चक्काजाम व ग्रामीणो का विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही एएसपी राजेेद्र जायसवाल भांसी गांव पहुंचे। ग्रामीणो को समझाइश दी। एएसपी व भांसी थाना प्रभारी ने कहा कि महिला के खिलाफ वारंट है। वारंट से राहत दिलाने सरेंडर किया है। एएसपी ने समझाइश के बाद ग्रामीणो ने जाम हटा दिया।