दुर्गः- मिनी शीतला स्टेडियम शिक्षा नगर में चल रहे आध्यात्मिक प्रवचन में सातवे दिन प्रवचनकर्ता गोपीकेश्वरी देवी ने कहा कि भगवान को जानने के लिए एक गुरु का होना बहुत जरुरी है। संतो में दों बातो का होना आवश्यक है। एक वो समस्त शास्त्रों वेदों का ज्ञान रखनते हो और दूसरा उन्हें भगवान मिल चुके हों। लेकिन किसको भगवान मिले हैं ये हम कैसे जानेगे? इस पर देवी ने कहा कि भगवान और भगवान को पा लेने वाले संत इस संसार में आकर
जो कुछ करते हैं वह केवल जीवन काल्याण के लिए होता हैं भले ही दिखने में उनके प्रत्येक कार्य विपरीत होते हैं लेकिन होते केवल जीवन कल्याण के लिए है। भगवद् प्राप्त संतो के पास योगमाया शक्ति होती जो उन्हें भगवान और संत माया से परे रहते हुए भी माया के समस्त कार्य करते है। जो पहचान शास्त्र बताते हैं उसी के माध्यम से हमें सही संत की परख करनी चाहिए ताकि जीव आज के पाखंड से बच सके।