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भिलाई. चरोदा में रावण का पुतला बनाने का काम 15 दिनों से जारी है। 55 फीट ऊंचे इस पुतले का निर्माण करने के लिए रायपुर के माना से टीम पहुंची हुई है। वहीं खास तरह की आतिशबाजी के लिए मुंबई, कोलकाता और कांकिनाड़ा से कलाकार पहुंचे हुए हैं। एक माह से दशहरा को लेकर तैयारी की जा रही है। रेलवे के इस विशाल मैदान में हर साल हजारों की तादात में लोग सिर्फ दशहरा पर ही एकत्र होते हैं।

दशहरा उत्सव का 57 वां साल
चरोदा के दशहरा मैदान में दशहरा उत्सव का यह 57 वां साल है। दशहरा उत्सव समिति नवयुवा चेतना मंच, चरोदा इसकी तैयारी में जुटी है। रेलवे मैदान में होने वाले इस रावण दहन को देखने के लिए चरोदा, भिलाई-3 के अलावा यहां उरला, कुम्हारी, जंजगिरी, देवबलौदा, आसपास के तमाम गांव से भी लोग रावण दहन देखने एकत्र होते हैं।

आतिशबाजी का होता है खास इंतजाम
कमेटी के पदाधिकारी व पार्षद चंद्रप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि इन आइटम को बनाने के लिए ही कोलकाता और मुबंई से कलाकार भिलाई पहुंचे हुए हैं। चरोदा में आतिशबाजी खास होती है। जिसकी वजह से लोग रावण दहन से करीब 2 घंटे पहले ही मैदान में एकत्र हो जाते हैं। पहले राकेट आसमान की ओर छोड़े जाते हैं। इसके बाद लोगों को आकर्षित करने वाले कई तरह के आइटम जिसमें फुफकार मारने वाला सांप, लाइङ्क्षटग समेत अनेक पिटारा शामिल है।

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