मेरे भाई बहनो, शिव से ध्यान लगाओ।
निराकार शिव ज्योतिबिन्दु को रायोग से पाओ।।
ज्योतिर्मय जीवन की खातिर त्याग तपस्या होती है।
छल प्रपंच धोखेबाजी सव बीज पाप के बोती है।।
द्वैतभाव से सहनशीलता खडी अकेली रोती है।
दुराचार से कुन्ठित होती ज्ञान नयन की ज्योति है।।
पावन पुन्य पुनीत प्रेम का पुनि पुनि दिया जलाओ।
मेरे भाई बहनो शिव से ध्यान लगाओ।।
निराकार है परमधाम का रहने वाला शिव बाबा।
ज्योतिबिन्दु चमकीला परम सितारा शिव बाबा।।
सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग सबका ज्ञाता शिव बाबा।
कालचक्र की विधि गति का ज्ञाता शिव बाबा।।
कर संबंध प्रकाशपुंज से परमगति को पाओ।
मेरे भाई बहनो शिव से ध्यान लगाओ।।