Fri. Sep 12th, 2025

सरे जग की जननी को है अर्पित नमन हमारा।
जी  करता है। आज लगाऊ अम्बे माँ  का जयकारा।।
माँ से अधिक न कोई जाने क्या बच्चो की अभिलाषा।
माँ ही पूरी कर सकती है। हम बच्चो की आशा।।
सन्तानो को माँ से बढ़कर भला कौन है प्यारा।
जी चहाता है आज लगाऊ अम्बे माँ का जयकारा।।
केवल जन्म नही देता माँ पोसन पालन भी करती ।
प्राण निछावर करके भी वह बच्चो की पीड़ा हरती है माँ।।

 

जब जब संकट आता है तब तब देती हैं हमे सहारा।
जी करता है आज लगाऊ अम्बे माँ की जयकारा।।
माँ के चरणो में जन्नत है, धर्मशास्त्र बतलाते हैं।
जो माँ के आराधक जग में सुयश कमाते।।
माँ की सेवा को सर्वोपरि, गया सदा स्वीकारा।
जी करता है। आज लगाऊ, अम्बे माँ की जयकारा।।

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