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पटना : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना एवं कृषि विज्ञान केंद्र, पिपराकोठी के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 18 मार्च 2025 को पिपराकोठी, मोतिहारी (पूर्वी चम्पारण) में “फसल विविधीकरण से जीविकोपार्जन में वृद्धि” विषयक दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ बुधवार को सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में लगभग 30 से अधिक किसान शामिल हुए। उपर्युक्त परियोजना के प्रधान अन्वेषक एवं फसल अनुसंधान प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार ने किसानों को सम्बोधित करते हुए फसल विविधीकरण के महत्व एवं विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों को इसे अपनी पारंपरिक कृषि प्रणाली में शामिल करने के लाभ के बारे में बताया तथा समेकित कृषि प्रणाली के माध्यम से उत्पादकता एवं आय में वृद्धि के आंकड़ों को प्रस्तुत किया। कृषि विज्ञान केंद्र, पिपराकोठी के अध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रेरित किया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शिवानी ने जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में फसल विविधीकरण की उपयोगिता को विस्तार से समझाया।वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक कुमार ने फसल विविधीकरण में कृषिवानिकी के समावेश पर बल दिया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में अटारी, पटना के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार, मोतिहारी के जिला कृषि पदाधिकारी मनीष कुमार एवं जिला उद्यान पदाधिकारी विकास कुमार उपस्थित रहे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना ने यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 19 मार्च 2025 को सम्पन्न किया। जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ विभिन्न विषयों पर व्याख्यान देंगे। कृषि विज्ञान केंद्र, माधोपुर के विषय-वस्तु विशेषज्ञ डॉ. अर्णब कुंडू ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। विदित हो कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास के मार्गदर्शन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।