Fri. May 3rd, 2024
अनियमित जीवनशैली, मानसिक अवसाद और हृदय रोग जैसी बीमारी का कारक: डॉ अजय कुमार सिन्हा
सैकड़ों की संख्या में रोगियों की निःशुल्क जांच व चिकित्सा की गई
बेतिया। पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय बेतिया स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटना और राज्य स्वास्थ्य समिति, पश्चिम चम्पारण के तत्वावधान में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन सोमवार 22 अप्रैल 2024 को पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्न 04:00 बजे तक किया गया। उपर्युक्त निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में हृदय रोग, बाल हृदय रोग, स्त्री कैंसर रोग, बाल कैंसर रोग, सर्जिकल कैंसर रोग और मस्तिष्क रोग की जांच और चिकित्सा किया गया। इसके अतिरिक्त वजन, ब्लड प्रेशर, रैंडम ब्लड सुगर, एस पी ओ 2, ईसीजी और इको की जांच के लिए चिकित्सकीय परामर्श की सुविधा भी रोगियों को उपलब्ध कराई गई।
इस अवसर पर डॉ. अजय कुमार सिन्हा निदेशक, क्लिनिकल एवं प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी, मेदांता हार्ट इंस्टीट्यूट, डॉ संदीप कुमार एसोसिएट निदेशक – सर्जिकल ऑन्कोलॉजी मेदांता कैंसर संस्थान, डॉ. पंकज कुमार गुप्ता एसोसिएट डायरेक्टर, पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी मेदांता हार्ट इंस्टीट्यूट, डॉ. अमित कुमार कंसल्टेंट – पीडियाट्रिक हेमाटोलॉजी एवं ऑन्कोलॉजी मेदांता कैंसर संस्थान, डॉ. अंकुर आनंद एसोसिएट कंसल्टेंट, न्यूरोसर्जरी, मेदांता इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज ने अपने अपने क्षेत्र से सम्बंधित रोगियों की निःशुल्क जांच और चिकित्सकीय परामर्श दिया।
उल्लेखनीय है कि  कि उपर्युक्त स्वास्थ्य शिविर में  डॉ  पंकज  गुप्ता  ने बच्चों के हृदय रोग की जांच किया। उन्होंने बताया कि उनमें 40 बच्चों का इको  किया गया ओर 25 बच्चों में हृदय रोग पाया गया। जिन्हें चिकित्सार्थ मेदांता अस्पताल पटना रेफर किया गया। जिनकी पूरी तरह निःशुल्क चिकित्सा की जाएगी। इस अवसर पर अस्पताल के निदेशक डॉ. रवि शंकर सिंह ने बताया कि जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटना समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करता रहता है। जिससे प्रदेश के  सुदूर  क्षेत्रों में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा सके। निःशुल्क जांच व चिकित्सा शिविर में रोगियों को उचित परामर्श दिया जाता है। इस निःशुल्क जांच शिविर में सैकड़ों की संख्या में विभिन्न प्रकार के रोगी आए और निःशुल्क जांच से लाभ उठाया गया। इस अवसर पर अन्य चिकित्सकों ने अपने क्षेत्र से सम्बंधित रोगियों की जांच और चिकित्सा किया।
इसी क्रम में सीपीआर कार्यक्रम और शाम में चिकित्सकों के लिए  सीएमई का आयोजन भी किया गया।
जीएमसीएच बेतिया में आयोजित निः शुल्क चिकित्सा शिविर में मेदांता अस्पताल पटना के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.अजय कुमार सिन्हा ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान समय में अनियमित जीवनशैली, मानसिक तनाव, अधिक नमक का सेवन करने कारणों से रक्तचाप (बीपी) की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। रक्तचाप (बीपी) दूसरी अन्य गंभीर बीमारियों का कारक बन सकता है। रोगी यदि दवाएं न लें या दवा लेने में चैतन्यता नहीं रखते (लापरवाही बरतते हैं) तो उच्च तनाव (हाइपरटेंशन) या बीपी (ब्लड प्रेशर) जैसी जानलेवा बीमारी होती है। इसलिए इसके लक्षण को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें ब्लड अपनी सामान्य गति से तेज होकर अधिक तीव्र गति से प्रवाहित होने लगता है। जिससे रक्त नलियों और इससे जुड़ें रहने के कारण शरीर के सभी अंगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसा देखा जाता है कि जितनी तीव्र गति से रक्त प्रवाहित होता है उतना ही अधिक रक्त नलियों पर जोर पड़ता है। जिससे पक्षाघात और हृदय रोग बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। बीपी दो प्रकार का होता है उच्च और अल्प रक्तचाप। इसमें उच्च रक्तचाप हृदय सहित सभी अंगों को अधिक  क्षति पहुंचाता है।
मेदांता हार्ट इंस्टिट्यूट  के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ पंकज कुमार गुप्ता के अनुसार दौर में यह बीमारी लक्षण रहित होती है। इसलिए ही इसकी नियमित जांच की आवश्यकता है। प्रारंभ में लक्षण भले ही नहीं दिखें, लेकिन धीरे-धीरे यह हार्ट, ब्रेन, किडनी, आंख को खराब कर देती है। लक्षण तब प्रकट होते है जब ये अंग खराब होकर परेशानी उत्पन्न करते है, यथा सांस फूलना, सिर दर्द होना, स्ट्रोक होना या अधिक समस्या बढ़ने पर लकवा होना, अंधापन और किडनी रोग, इसलिए इसको साइलेंट किलर भी कहा जाता है।
कैंसर और उससे जुड़े मिथ्स पर बात करते हुए जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. अमित कुमार  ने बताया कि कैंसर को लेकर लोगों के मन में कई प्रकार के भ्रम है। वह कैंसर के बारें में पता चलते ही उन्हें लगता है कि कैंसर होने के बाद उनकी जिंदगी खत्म हो गई है, लेकिन विगत वर्षों में  मेडिकल साइंस ने काफी प्रगति किया है। एक चिकित्सक का दृष्टिकोण प्रयास किया जाता है कि रोगी की जान बचाने के साथ-साथ उन्हें एक स्वस्थ जीवन प्रदान कर सकेI

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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