Mon. Sep 16th, 2024

 

बेतिया। “भारत के हित में तिब्बत का महत्व” विषय पर अयोजित कार्यक्रम में डॉ हरेंद्र ने कहा कि चीनी लोग जबरदस्ती वहां पर कब्जा किये हुए हैं। वहां से 10 नदियां निकलती है। जिस पर 10 अरब की आबादी अवलंबित है। भारत-तिब्बत को आप लोग शक्ति दे। आपसे हम सहयोग की अपेक्षा करते हैं। भारत को तिब्बत के लोग गुरुदेश कहते हैं ।तिब्बत की सीमा से हमारी सीमा मिलती है। अब तिब्बत चीन का स्वायत्त क्षेत्र है। चीन (तिब्बत) की आबादी 60 -70 लाख रही थी। वर्तमान में 80 लाख चीनी बसा दिये गए हैं।  इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत सरकार से यह मांग करते हैं कि वह दलाई लामा को भारत का सर्वोच्च सम्मान दें। अब तक 157 भिक्षुणी ने आत्मदाह कर लिया है। 10 लाख तिब्बती बच्चों को जबरदस्ती हॉस्टल में चीनी लोग डाले हैं। उनके माता-पिता से छीन कर तथा उन्हें चीनी भाषा सीखने को कहते हैं। भारत की सरकार सक्षम है। हम यह मांग करते हैं कि एक हिमालय नीति बनाई जाए। उपर्युक्त विचार शनिवार को भारत-तिब्बत मैत्री संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ हरेंद्र कुमार ने बिहार प्रदेश आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में व्यक्त किया।

अम्मा ट्रस्ट के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र शरण ने कहा कि भारत के लिए तिब्बत का महत्व है। इस पर विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। यह मेरे लिए भी एक नया विषय है ।ईश्वर शांति कॉलेज ट्रस्ट संचालन कर रही है। चीन की टेढ़ी नजर भारत पर है। तिब्बत भारत का बुलेट प्रूफ जैकेट है ।देश के हित में जो सोचेगा हम उन्हें धन्यवाद देते हैं। डॉक्टर हरेंद्र कुमार ने इस पिछड़े क्षेत्र में कार्यक्रम करने की प्रेरणा मिली ।हम तिब्बत के उत्थान के लिए आगे रहेंगे ।हमें तिब्बत की आवश्यकता है। भारत के सभी नागरिको को इसके विषय में सोचना चाहिए। जबकि दिवाकर राय ने कहा कि तिब्बत भारत का अभिन्न अंग है ।मेघदूत में इसे अलकापुरी कहा गया है ।कैलाश मानसरोवर भी तिब्बत में है ।हमारे धार्मिक केंद्र तिब्बत में ही है। इतिहास बदलते रहता है। तवांग में सबसे बड़ा मठ है। डॉक्टर एन.एन. शाही ने कहा कि तिब्बत का बहुत बड़ा महत्व है। इसके बिना हम लोग रह नहीं सकते हैं ।जबकि सुशील जायसवाल ने कहा कि यह भूमंडलीय का जमाना है ।तिब्बत के लिए चीन भी को भी झुकना होगा ।बी.के द्विवेदी ने कहा कि तिब्बत का विशेष संबंध भारत के साथ है। यूरेनियम का खदान तिब्बत में ही है ।जिस पर चीन की नजर है ।दलाई लामा का विशेष योगदान है। सत्येंद्र शरण सचिव ने कहा कि हम लोग तिब्बत के उत्थान एवं मुक्ति के लिए पूरी तन मन धन से सहयोग करें ।क्योंकि भारत तिब्बत का संबं है। बाबुआ जी दुबे ने कहा कि भारत के नागरिकों को जागृत होना होगा ।देवनारायण शर्मा ने कहा कि हम सभी को इसके विषय में सोचना होगा ।पूर्व विधायक प्रकाश राय ने कहा कि तिब्बत हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है ।दुनिया में उनकी आवाज उठानी होगी ।आज का नेतृत्व निश्चित रूप से तिब्बत को मुक्त कराएगा। मौके पर शिवेंद्र शिबू, विनय सिंह सहिय कयी लोगों ने संगोष्ठी को संबोधित किया ।वहीं धन्यवाद ज्ञापन भाजपा नेता आनंद सिंह ने किया।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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