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बेतिया। बिहार सरकार महादलितों के लिए सरकार 16 योजना संचालित कर रही है। उन योजनाओं का समुचित लाभ महादलित समुदाय को नहीं मिल सका है, जिसे उन तक पहुंचाना हमारा उद्देश्य है। अति पिछड़ा वर्ग के कुछ जाति को 2015 में अनुसूचित जाति का दर्जा मिला। अभी तक सरकार संचालित योजनाओं का लाभ समाज के लोगों को नहीं मिल रहा है, क्योंकि समाज उन योजनाओं को नहीं समझ रहा है। समाज में जाकर लोगों को जगाने का काम हमने प्रारम्भ किया हैं। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य ने बेतिया में पदाधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक किया है। जिसमें पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया है, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों को सरकार संचालित योजनाओं का लाभ मिलेगा। उपर्युक्त विचार दुर्गाबाग के समीप समाजिक कार्यकर्ता-सह-अधिवक्ता प्रेमदास के आवास पर बुधवार की शाम बिहार राज्य महादलित आयोग के सदस्य कंतलाल शर्मा ने एक भेंटवार्ता में व्यक्त किया। श्री शर्मा ने कहा कि बिहार के दबे कुचले (दलितों) लोगों को जगाने का काम पूर्व मुख्यमंत्री, गरीबों के मसीहा लालू प्रसाद यादव ने किया। पहली बार 1996 में उनकी जाति के लोग को एमएलसी बनाया। 2000 में गोरख शर्मा को विधानसभा का टिकट दिया। पूर्णिया जिला में भी इस जाति को विधानसभा का टिकट दिया। मधेपुरा जिला में और इसी जिला के विधानसभा से एक विधायक है और इसी जिला के अनुसूचित जाति आयोग का सदस्य बनाया गया है। राष्ट्रीय जनता दल ने हमें मान- सम्मान दिया है और इसी में हम लोगों को का रहने का धर्म है। हम लोग गठबंधन के साथ हैं और आम लोगों से भी अपील करते हैं कि आप लोग हमारा साथ दे। यहां कि योजनाएं संतोषजनक है। पान- चौपाल-बुनकर महादलित संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने कहा कि अभी के जातीय जनगणना के अनुसार बिहार में हमारी आबादी तीन प्रतिशत के लगभग है। जागरुकता नहीं रहने के कारण हमारा समाज हासिये पर रहा। सरकार को नहीं पता नहीं कि कितनी आबादी है, अब चिन्हित हो गया है। हम लोगों ने मिलकर तय किया है कि पूरे बिहार में एक जागरुकता अभियान विशेष कर महादलित-पान-चौपाल-बुनकर के लोगों को सरकारी योजनाओं को बताया जाए। राजनीतिक हिस्सेदारी से जो वंचित है, उन्हें आबादी के अनुरुप राजनीतिक हिस्सेदारी दी जाए। जिससे हमारी बात सरकार तक पहुंचे। हम लोगों को आबादी के अनुपात में लाभ नहीं मिल रहा है। अभी महत्वाकांक्षी योजनाएं बिहार में चल रही है। जैसे सामुदायिक भवन -सह-वर्कशेड। किंतु पूरे बिहार में एक भी सामुदायिक भवन पान-चौपाल- बुनकर में नहीं है। अनुसूचित जातियों के लिए चापाकल की व्यवस्था है, लेकिन एक भी पान- चौपाल- बुनकर में यह नहीं दिखाई देता है। समुचित लाभ एवं समग्र विकास की बात सरकार कर रही है। हमारे समाज तक वह नहीं पहुंच पा रहा है। इसलिए पूरे बिहार में घूम रहे हैं। 1956 से ही अनुसूचित जाति में हम लोग अंकित है। किंतु पूर्ववर्ती सरकार के उपेक्षा के कारण समुचित लाभ नहीं मिला। राजनीतिक दल हमारी आबादी के अनुसार लोकसभा एवं विधानसभा में टिकट दे। हमारा भी विधानसभा में सीट तय हो। समाजिक कार्यकर्ता सह अधिवक्ता प्रेमदास ने कहा कि महागठबंधन के प्रति हम लोग समर्पित है। चौपाल, पान- बुनकर आने वाले समय में पूरी तरह से सरकार का सहयोग करेंगे। इनके नेतृत्व में समाज आगे बढ़ रहा है। सरकार हमारी राजनीतिक भागीदारी करें। जिससे हमारा विकास हो सके। महादलित के बच्चों को पुरस्कृत एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है, जो अपने बच्चों को मेडिकल या अन्य उच्च शिक्षा दे रहे हैं। समाज को जागरुक करने के लिए वे डोर टू डोर जाएंगे।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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