
बेतिया: पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय बेतिया स्थित नगर निगम में लूट की खुली छूट है। मेयर, उप मेयर और पार्षदों की राजनीतिक टकराव के कारण विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। जन सरोकार से जुड़ी समस्याओं का समाधान ओछी राजनीति की भेंट चढ़ता जा रहा है। उप महापौर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के हवाले से खबर है कि विकास कार्य टकराव की भेंट चढ़ता जा रहा है। उप मेयर ने बताया कि जब से बेतिया नगर निगम की जनता ने उन्हें चुना है तब से आज तक यहां की महापौर और उनके पति द्वारा लगातार उपमेयर को उपेक्षित किया जा रहा है। मेयर कई प्रकार के हाथकंडे अपना कर अप्रत्यक्षतः प्रताड़ित कर रहे है। नगर निगम के कार्यों में लगने वाले सिलापट से उपमेयर का नाम हटवा देना, कभी उनकी योजनाओं को नजरंदाज कर देना, तो कभी सदन से हटवा देने का धमकी देना, यही नहीं कार्यालय के जारी सूचनाओं को उपमेयर तक पहुंचने से रोकने जैसे सोचीं समझीं रणनीति अपना रही है मेयर। नगर निगम के सदन हिटलरशाही का रुख अपनाया जा रहा है। इसको लेकर उन्होंने जब नगर आयुक्त शंभू कुमार से उपमेयर ने वार्ता किया। उन्होंने उल्टी सीधी बातें रखकर अपना बचाव करने का प्रयास किया। शम्भू कुमार ने दो टूक में कहा कि शिलापट का लेखन का कार्य आयुक्त का नहीं है। कुछ नहीं जानता हूं जबकि पूरा नगर निगम का प्रशासनिक कार्य का लेखा-जोखा नगर आयुक्त के पास ही रहता है। ज्ञात हो कि नगर निगम चुनाव बीते हुए लगभग 1 वर्ष होने को है लेकिन इस उठा पटक की राजनीति में बेतिया नगर निगम के विकास का कार्य लगभग बाधित है। छठ और दीपावली जैसे महापर्व में भी ग्रामीण वार्डों में एक भी लाइट नहीं लगा। यही नहीं बेतिया शहर में भी कयी जगहों पर लगे लाइट खराब है, लेकिन उसकी मरम्मत नहीं हुई।

जानकारी के अनुसार पार्षदों का एक बड़ा वर्ग ने बताता है कि दीपावली के शुभ अवसर पर शहर के विभिन्न वार्डों से कूड़े ज्यादा से ज्यादा निकल रहे हैं। डंपिंग जोन हजारी में रहा, तो कूड़े उठाने वाली गाड़ियां वहां कूड़ा गिराकर तुरंत, दूसरी खेप के लिए अपने वार्डों में कूड़ा उठाने चला, लेकिन मेयर के तुगलकी फरमान से मोहल्ले से निकलने वाले कूड़े को अब डायरेक्ट कोसों दूर पिपरा जहां कूड़े का अस्थाई डंपिंग जोन बनाया गया है, कि विकास वहां ले जाना पड़ता है। जिसके कारण एक गाड़ी कूड़ा ले जाने में और फिर उसे वापस आने में घंटों समय बीत जाता है। जिसकी वज़ह से अधिकतर मोहल्ले में कचरा का अंबार लग हो गया है। जिसको लेकर बेतिया नगर वासियों में काफी रोष है। लोगों ने बताया कि डायरेक्ट कूड़ा पिपरा स्थाई डंपिंग जोन में भेजना ही है तो पर्व त्यौहार निकल जाने के बाद यह प्रक्रिया लागू करनी चाहिए, अलबत्ता पर्व में हिटलर आदेश पूर्णतः अनुचित है।
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