व्यापारी भाई बहनो में अनुभव की अमानत और सामान्य विवेक की विशेषता बहुत अच्छी होती परंतु अंध्ज्ञरद्धज्ञ से मुक्ति भी बहूत जरुरी होती हैं आए दिन कई किस्से व्यापारी समाज में ऐसे घटते रहते है कि हम सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि क्या व्यापारियों में भी इतनी शंका वहम रहता हैं बच्चों सहित परिवार सहित आत्महत्या कर लेते हैं व्यापार में सफल होने के लिए अनुचित मार्ग अपना लेते है। फिर तनावग्रस्त और भयभीत रहते हैं। कईयो को समाज का भय होता हैं कि लोग क्या कहेंगें? छोटा सामान्य धंधा करने में अपनी इज्जत कम नही हो जाएगी? ऐसा सोचते रहते हैं। हमें शरीर निर्वाह के लिए सामान्य स्तर का कामकाज करने के लिए तैयार रहना चाहिए।