बेतिया: पश्चिम चम्पारण जिला के मैनाटांड़ प्रखण्ड स्थित आशा कार्यकर्ताओं को सरकार सरकारी सेवक घोषित करने, केंद्र सरकार के द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना अंतर्गत दिन रात काम लेने, लेकिन उन्हें दैनिक मजदूरी से कम रूपये का भुगतान करने की परम्परा बदले सरकार। अन्यथा उपर्युक्त परम्परा, अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उपर्युक्त विचार विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने आशा कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने शुक्रवार को मैनाटाड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में धरना प्रदर्शन पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं के समर्थन में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं की मांगें उचित है। इसपर महागठबंधन सरकार को विचार करना चाहिए। आशा ने जिस तरह से कोरोना काल में जान हथेली पर रखकर काम किया, वह अविस्मरणीय है। सरकार इन्हें कम से कम दस हजार रूपये निर्धारित करे और राज्यकर्मी का दर्जा दें। आशा कार्यकर्ता निचले स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाती हैं। ऐसे में इन लोगों के साथ सौतेला व्यवहार नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार ठेका पर काम लेना बंद करें। भाकपा माले ठेका पर काम लेने की परम्परा का विरोध करतीं हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी और विधायक के रुप में वे आशा कार्यकर्ताओं की मांग का समर्थन करते हैं। इसको लेकर सदन में भी मुद्दे को गंभीरता से उठाया है। विधायक ने आशा कार्यकर्ताओ को अपनी मांगों के समर्थन में मांग माने जाने तक डटे रहने की अपील भी किया। इस दौरान माले अंचल सचिव अच्छेलाल राम, जिला सदस्य सीताराम राम, शेख चांद सहित काफी संख्या में आशा कार्यकर्ता मौजूद रहीं।
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