Fri. Jul 26th, 2024

दुनिया में जितने भी जड चेतन जीव है। वह सभी मनुष्य के नीचे अवस्था मे  है। और मनुष्य किसी के नीचे नही होता है। फिर भी मनुष्य  अवलम्बित बना रहता है। और वह भी स्वयं के लिए नही बल्कि दूसरो के लिए पराधीन  अवलम्बित  बना रहता है। ऐसे केवल उसकी अपनी विवेकहीनता के कारण होता है।

विवेक मनुष्य को यह पता है। कि उसे यह जीवन सुन्दर कर्म करते हुए सत कर्मा के माध्यम से अपने सुंदर प्रारब्ध का निर्माण करने के लिए प्राप्त हुआ है। ग्राम जुनवानी भिलाई  श्रीशंकराचार्य मेंडिकल काँलेज मैदान में 9 दिवसीय श्री राम कथा के 3  दिन कथा विशेषण प्रेमभूषण महाराज नें कलाकृती में कही है।

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