बोरसी भाठा में गुरु सतनाम रावटी के धर्मसभा में गुरुद्वारा भंडारपुरी धाम सें आए बाबा गुरुघासीदास के छठवें वंशज धर्मगुरु नसी साहेब ने गुरुवाणी में बताया की संसार में जहां भी सतपुरुष पिता की शाश्वत कृपा हुई हुए है। वहां काम क्रोध लोभ मोह अहंकार घृणा आदि विकारो का कोई स्थान नही रहा है। उस जगह पर सत्य अहिसा दया करुणा परोपकार ही विद्यमान रहता है।
गिरौदपुरीधाम में जब सरकारी अमले ने लोगो और जीव जंतुओ के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के सैकडों जतन किए पर सफल नही मिली तों सभी की समस्याओ को ध्यान में रखकर बाबा गुरु घासीदास ने अपने अलौकिक शक्ति से वहां संजीवनी शक्ति युक्त कभी खत्म न होने वाले अक्षय अमृतकुंड को प्रकट किया।