Mon. Sep 16th, 2024

जिस प्रकार जब बच्चा पैदा लेते है। तो माँ भी पैदा होती है, उसी प्रकार जब शिक्षा पूरे हो जाता है। तो एक प्रवर्तन आविष्कार सेवक प्रबंधक आदि भी पैदा होना चाहिए। यदि मात्र सत्र पूरा होने पर शिक्षा का प्रमाणपत्र जारी हुआ हो और शिक्षा समाज को कुछ अतिरिक्त देने में सक्षम न हो तो शिक्षा संस्थान नें एक मरा हुआ डिग्रीधारी बाहर निकाला है। और माँ नौ महिना पूरे करने पर कोख से मरा हुआ बच्चा बाहर निकालती  है।

एक माँ अपनें बच्चे के हिसाब से सोती व जागती है। उसके मलमूत्र की सफाई से लेकर आहार बहार का प्रबंध करती है। और खामियो और कमजोरियो का समाधान व पालन पोषण करते है। तब जाके बच्चा बडे होते है। उसी प्रकार किसी भी धार्मिक या आध्यात्मिक संस्था में यदि जीमे दारी से बडे होते है। और हरेक के माँ अपने बच्चो को बच्छे सस्कार भी देते है। जिसमें बडे हो के अपने नाम रौशन करे और साथ ही साथ ह माँ बाप का। यही जीवन अद्भुत जीवन कहानी है।

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