गंगा नदी में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों को प्रयोगशाला में विकसित कर उसका उपयोग करके तलाबो को पुनर्जीवित किया जा सकता है। तालाब के गंदे पानी को साफ और शुद्ध किया जा सकता है। उसके बदबू को भी नष्ट किया जा सकता है। इसी तरह का एक छोटा सा प्रयोग दुर्ग स्थित लुचकी तालाब में किया गया। उसके सकारात्मक परिणाम सामने आए है।
तालाब के क्षेत्रफल के हिसाब से सूक्षमजीव का उपयोग एक निश्चित मात्रा में किया जा सकता है। भिलाई के लोकल संेटर में जल शोधन और संरक्षण विषय पर हुआ चर्चा में कार्यक्रम के मुख्यवक्ता छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविधालय की अध्ययन शालाओ के निदेशक ड़ाँ पीके घोष ने यह बाते कही। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर तलाब को बचाना व इसके जल को शुद्ध करना अत्यंत आवश्यक है।