रुस के स्कूलों में देशभक्ति का पाठ पढ़ाने की जरुरत पड गई है। एक तरफ सें उनका ब्रेनवाँश किया जा रहा है कि यूक्रेन पर हमला सही और जरुरी था पिछले दो महीनों सें कन्वर्शेसन अबाउट इंपाँर्टेट थिंग्स नाम सें रुस के सभी स्कूलों में विशेष कक्षाएं लगाया जा रहा है। इनमें बताया जा रहा है। कि क्यो रुसी सैनिकों द्वारा यूक्रेनी हिस्सों पर कब्जा करना ऐतिहासिक न्याय है।
इसके पिछे तर्क दिया जाता है। कि यूक्रेन मूल रुप से रुस का ही हिस्सा था इन कक्षाओ से दूर रहने वाले बच्चों अभिभावकों और शिक्षको पर सरकार द्वारा कार्रवाई की जा रही है। माँस्को में इस तरह की विशेष कक्षा में शामिल न होने पर 10 साल स्कूल के कामकाज में सरकार के दखल की आलोचना करने वाले शिक्षक राउसचन वलीउलीन को स्कूल से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि वे कोर्ट जा सकते है। पर डर है। कि स्कूल लौटने पर निगरानी की जाएगी। इन सबसे बवने के लिए वह किर्गिस्तान जा रहे हैं।
की वार्या शोलिकर की रिपोर्ट यूथ वेलफेयर आँफिस को भेजी गई। इसके बाद उसके माता पिता को सरकारी आँफिस में बुलाकर जबरन मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग कराई गई। उनके घर की तलाशी भी गई। घर के अंदर दीवारो पर नीले और पीले रंग को आपतिजनक माना गया, क्योकि ये रंग यूक्रेन के झंडे में है। बच्ची के लैपटाँप और इंटरनेट गतिविधियां की जांच की गई कहा गया की बच्ची लैपटाँप पर अतिवादी चैनल देख रही थी और सोशल मीडिया पर यूक्रेन को समर्थित मीम्स पोस्ट कर रही थी रसियन एलायंस आँफ टीचर्स के अध्यक्ष डेनियल केन ने कहा स्कूलों में बच्चो पर प्रोपेगंडा थोपा जा रहा है।