धान खरीदने के लिए जिले में अलग-अलग एजेंसी के 148 सेंटर है इससे सभी एजेंसी को सेंटरों के मुताबिक लक्ष्य दिया गया है। इसमें भारतीय खाद्य निगम को भी 6000 हजार M T धान खरीदने का लक्ष्य दिया गया है । एजेंसी के जिले में मात्र 3 ही सेंटर हैं हाल मे ही है कि इन तीनों सेंटरों पर अब तक एक फीसदी धान की खरीद नहीं हो सकता है।
जिले में पहला अक्तूबर मे 148 सेंटरों पर धान खरीदने हो रहा है। लक्ष्य के सापेक्ष खरीद में सबसे बुरा हाल भारतीय खाद्य निगम का है। इसके जिले में मात्र 3 सेंटर मे हैं और लक्ष्य भी महज लगभग 6000 हजार M T का है। उसके बावजूद इसके अभी तक महज 400 सौ M T धान की खरीदी ही हो सकता है। जो लक्ष्य का महज .67 फीसदी है। तमाम प्रयासों के बाद भी सेंटरों पर खरीद नहीं बढ़ पा रही है। खास बात यह है कि भुगतान करने में भारतीय खाद्य निगम सबसे आगे है। खरीदे गए सारे धान का एजेंसी की ओर से 90 फीसदी भुगतान किया जा चुका है। सेटरो पर ही पड़ा है खरीदा गया धान, नहीं पहुंचा राइस मिलखरीदा गया धान एफसीआई के तीनों सेंटरों पर ही पड़ा हुआ है। यह धान राइस मिल को नहीं भेजा गया है। इससे खरीदे गए धान के सापेक्ष सरकार को चावल भी नहीं मिल पा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि एफसीआई से धान राइस मिल को तभी जाता है जब एक लाख M T की खरीद हो जाती है।