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बेतिया: पश्चिम चम्पारण जिला में 25 नवंबर 2022 को बिहार सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला के जिला पदाधिकारी, सभी नगर आयुक्त व पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में प्रदूषण नियंत्रण पर गहन चर्चा की गयी। इसके अंतर्गत डीजल से चलने वाले जेनरेटर सेट के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए कदम उठाने पर जोर दी गयी। 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों का प्रदूषण जांच कराने का निर्देश दिया गया। बैठक में कोयला व लकड़ी के जलावन (ईंधन) पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का सुझाव दिया। इसके लिए विद्युत हीटर के प्रयोग पर जोर दी गयी। प्रायः ऐसा देखा जाता है कि स्कूल बसों की स्थिति जर्जर व पुरानी होती है, जो प्रदूषण फैलाने में अपना रोल निभाता है। इसके रोक के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। बिहार प्रदेश आपदा प्रबंधन को वायु प्रदूषण एवं प्रबंधन के लिए मानक निर्धारित करते हुए प्रचार-प्रसार कराने का सुझाव दिया गया। सड़क निर्माण एवं भवन निर्माण के समय भी वायु प्रदूषण बढ़ जाती है जिसके रोकथाम करने का निर्देश दिया गया। जिला पदाधिकारी पश्चिम चम्पारण कुंदन कुमार ने बताया कि मंगुराहा में स्थापित वायु प्रदूषण मशीन के कैलिब्रेसन में गड़बड़ी हो सकती है क्योंकि प्रदूषण कम नजर आती है।
जिला पदाधिकारी पूरे जिला में फसल के कटाई के उपरांत पराली को जलाने पर पूर्णरुपेण रोक लगायी गयी है। इसके बावजूद कुछ किसान ने पराली जला रहे है। इसके प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए प्रशासन ने 06 किसानों को पराली जलाने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की गयी है।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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