यह बेहतरीन कहानियां बनाने वालों के लिए और कहानियों का आंनद उठाने का सबसे अच्छा समय हैै। भारत के कोने कोने में ढ़ेर सारी कहानियां मौजूद है।। चाहे कहानिकार नए हो या अनुभवी सभी बहुत रचनात्मक तरीकों से कहानिकार बना रहे हैं। दर्शक भी नई शैलियों के साथ प्रयोग कर रहे हैं और उनका अन्वेषण कर रहे हैं। पर सबसे महत्वपूर्ण बात है कि अब हमारे पास कम पेश की गई आवजें सुने जाने कहानियों को देखंे जाने के ज्यादा मौके प्रदान करने की असाधारण क्षमता है। साथ ही स्ट्रीमिंग सर्विसेज के माध्यम से हमे रोजमर्रा की जिंदगी की कहानियां पर्दे पर देखने को मिल रही है। भारत के मनोरंजन उधोग में हर क्षेत्र की अविश्वसनीय महिलाओं की कहानियां अब तेजी से सामने आ रही है। वार्तिका चतुर्वेदी ( दिल्ली क्राइम) से लेकर कस्तूरी डोगरा (अरण्यक) तक कई वास्तविक किरदार पेश किए जा रहे है जो बड़ी ही बहादुरी से जिंदगी के उतार चढ़ाव का सामना करती है। साथ ही उन तहिला कहानीकारों को देखकर भी प्रेरेन मिलती है, जो अपने चुनिंदा विषयों और बखूबी पेश किए जाने वाले किरदारों के साथ हर दिन एक नई उपलब्धि हासिल कर रही है। हम सबकी कहानियों के अलग अलग पहलू है। रिश्ते परिवार दोस्ती कँरिअर मातृत्व या फिर कुछ और। कभी हम अपने आप को छोटे से शहर में आधारित पगलैट जैसी कहानी की तरफ खिंचते हुए पाते है। वहीं कई बार ऐसा होता है कि हम उन पर महशूर एक्टर्स के जीवन के बारें मे ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते है। आज महिलाएं परदे के पिछे अपने अगूठे सिनेमाई अंदाज से सबको प्रभावित कर रही है। वें दमदार कहानियो को वास्वविकता सग प्रस्तुत कर रही है। कढ़ईगल का निर्देशन करने वाली सुधा कोंगारा से लेकर सोफिया पाँल तक जिन्होंने मलयालम सुपरहिट मिनाल मुरली का निर्माण किया और लीना यादव जिन्होंनें व्यावहरिक और शानदार कहानीकार है।