बिहार के लोग उत्तम एक विकल्प की रखते हैं चाहत: प्रशांत किशोर
बेतिया/अवधेश कुमार शर्मा: जन सुराज संवाद पदयात्रा के 27 वें दिन शुक्रवार को प्रशांत किशोर ने लौरिया प्रखंड के बगही में पत्रकार वार्ता में मीडियाकर्मियों से बात किया। उन्होंने मीडिया के सामने पदयात्रा का अबतक का अनुभव साझा किया और भविष्य की रणनीति पर चर्चा किया। प्रशांत किशोर ने बताया कि पदयात्रा के क्रम में प्रतिदिन 15 से 20 किमी पैदल यात्रा कर रहे हैं। प्रत्येक 3 से 4 दिन अंतराल पर
एक दिन सभी पंचायत की समस्या लोग बता रहे हैं। सभी देख रहे है, उसका संकलन किया जा रहा है। उसी संकलन के आधार पर पंचायत स्तरीय समस्याओं के समाधान का ब्लूप्रिंट जारी किया जाएगा।
पश्चिम चम्पारण के लोगों की इच्छा है कि बिहार में एक बढ़िया राजनीतिक विकल्प बनें: प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने जन सुराज संवाद पदयात्रा के क्रम में जन सुराज के एक राजनीतिक दल बनने के मुद्दे पर कहा, प्रत्येक सभा में लोगों से पूछा जाता है कि बिहार में एक अच्छा विकल्प बनाने के लिए दल बनना चाहिए या अभी जो किया जा रहा है, वह करना चाहिए। लगभग शत प्रतिशत लोग बताते हैं कि बिहार में एक विकल्प बनना चाहिए। लोग बता रहे हैं कि जिन पार्टियों और नेताओं को यहां वोट मिल रहा है, उसका एक बड़ा कारण है कि बिहार में उत्तम विकल्प का नहीं है। अधिकांश ने बताया कि पदयात्रा के माध्यम से समाज को समझकर, उसमें सही लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे उत्तम विकल्प तैयार होगा।
जन सुराज संवाद पदयात्रा के क्रम में सामने आई प्रमुख समस्याओं का उल्लेख करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया, ‘बिहार में पलायन की समस्या गंभीर है, पलायन की समस्या की जानकारी पहले से रही, लेकिन समस्या इतनी भयावह है, जिसका अंदाजा नहीं रहा। अब जब गांवों का भ्रमण करने पर, केवल बच्चे और महिलाएं दिखाई देती है। सारे काम करने वाले लोग दूसरे राज्यों मजबूरी में पलायन कर चुके है। इसके अतिरिक्त गांव में बचे हुए लोगों में अधिकांश महिलाएं व बालिकाएं हैं। उनमें गरीबी इतनी है कि अधिकांश बच्चों के तन पर वस्त्र नहीं है। सरकार की योजनाएं फाइलों में संचालित हैं, क्योंकि अधिकांश बच्चे और महिलाएं कुपोषण की शिकार हैं। गरीबी और असामनता ऐसी कि बड़ी संख्या में लोगों के पास खेती और रहने की वास भूमि नहीं है। बहुत कम लोगों के अत्यधिक भूमि है, अधिसंख्य लोगों के पास कोई जमीन ही नहीं है। प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत योजना और खुले में शौच मुक्त की स्थिति पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि आवास योजना में भ्रष्टाचार चरम पर है। बिना रिश्वत के किसी को योजना का लाभ नहीं मिलता। सरकार के पदाधिकारी लोगों से रिश्वत राशि बिचौलियों के माध्यम से लेते हैं और केवल कागजों पर शौचालय बन रहा है। कोई ऐसा गांव अब तक नहीं मिला जो खुले में शौच से मुक्त हो, अधिकांश सड़कें शौच से लबरेज़ है, जिसके कारण बिना मुंह (नाक) पर गमछा रखे कोई नहीं जा सकता। ग्रामीण सड़कों की हालत इतनी खराब है कि इसकी तुलना लालू-राबड़ी के कार्यकाल से की जा सकती है। बिजली के क्षेत्र में काम हुआ है, लेकिन सैकड़ों लोगों ने शिकायत किया कि बिजली का बिल बहुत ज्यादा आता है। इसमें कुछ गड़बड़ियां हैं। शिक्षा व्यवस्था कि पोल खोलते हुए उन्होंने कहा कि शायद ही मुझे कोई स्कूल अब तक मिला है जहां बच्चे, शिक्षक और भवन तीनों हो। अधिकांश जगह के स्कूल कहीं बच्चे हैं तो शिक्षक नहीं है, शिक्षक हैं तो भवन नहीं है।