Sat. Jul 27th, 2024

लगातार हो रही भारी बारिश ने फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया है, जिस वजह से किसानों पर नई मुसीबत टूट पड़ी है। जालना जिले के जाफराबाद तालुक के कई गांवों में भी गुरुवार शाम को गरज के साथ मूसलाधार बारिश हुई।

महाराष्ट्र में मानसून की विदाई के दिन नजदीक है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से बारिश ने राज्य के कई जिलों में कहर बरपा रखा है। लगातार हो रही भारी बारिश ने फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया है, जिस वजह से किसानों पर नई मुसीबत टूट पड़ी है। जालना जिले के जाफराबाद तालुक के कई गांवों में भी गुरुवार शाम को गरज के साथ मूसलाधार बारिश हुई। भारी बारिश की वजह से जिले के तालाब, नाले उफनने लगीं है और खेतों में भी बड़ी मात्रा में पानी जमा हो गया है। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। दो साल बाद किसान कोरोना वायरस महामारी के संकट से उबर रहे हैं, लेकिन अब अत्यधिक बारिश ने उनकी आगे की राह को मुश्किल बना दिया है।

दिवाली का त्योहार नजदीक आते ही ज्यादातर किसान खेतों से अनाज बेच देते हैं और जो पैसा मिलता है उससे दिवाली के लिए खरीददारी करते हैं। लेकिन इस साल किसानों की दिवाली ख़राब होती दिख रही है, क्योंकि फसल पानी के नीचे है। जाफराबाद तालुक में वर्तमान में सोयाबीन और मक्का की फसलों की कटाई का समय है। भारी बारिश से फसलों को नुकसान हो रहा है। सोयाबीन की फसल हाथ से जा चुकी है और कपास की फसल भी बीती रात हुई बारिश से बर्बाद हो गई है। मौसम विभाग ने गुरुवार को ओडिशा के लिए एक बड़ी राहत देते हुए कहा कि चक्रवाती तूफान ‘सितरांग’ ओडिशा तट को पार कर पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों की ओर बढ़ जाएगा। एक बुलेटिन में, आईएमडी के भुवनेश्वर केंद्र ने कहा कि गुरुवार सुबह उत्तरी अंडमान सागर और दक्षिण अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के आसपास के क्षेत्रों में एक कम दबाव का क्षेत्र बना था। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 22 अक्टूबर के आसपास पूर्व मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर डिप्रेशन में और 23 अक्टूबर को डीप डिप्रेशन में केंद्रित होने की संभावना है। हालांकि मौसम विभाग ने 23 अक्टूबर की सुबह तक कोई बड़ी मौसम चेतावनी जारी नहीं की है।

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