बरेली। कलक्ट्रेट के पास उसकी चहारदीवारी से सटाकर बनाए गए महिला वकील के टिन के चैंबर को हटाने के लिए नगर निगम के अफसरों को छह घंटे तक वकीलों से जूझना पड़ा। वकील बुलडोजर और निगम टीम के सामने खड़े हो गए और उसे आगे नहीं बढ़ने दिया। शाम को जैसे-तैसे बुलडोजर ने अपना काम किया। इससे गुस्साए वकीलों ने दोबारा कलक्ट्रेट के पास खाली जमीन पर चैंबर बनाने का एलान कर दिया।
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक उन्हें कलक्ट्रेट के बाहर उसकी चहारदीवारी से सटी निगम की जमीन पर अवैध रूप से एक महिला वकील के अपना टिन का चैंबर बना लेने की शिकायत मिली थी। रविवार सुबह करीब दस बजे अतिक्रमण विरोधी दस्ते के प्रभारी जयपाल सिंह टीम के साथ बुलडोजर लेकर इस चैंबर को हटाने पहुंचे। इसी दौरान महिला वकील प्रेरणा सिंह भी कुछ और वकीलों के साथ पहुंच गई और उन्होंने नगर निगम की कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया।
प्रेरणा सिंह ने कहा कि यह चैंबर उनके नाम आवंटित है, इसे नहीं हटाया जा सकता। नगर निगम की टीम ने उनसे कागज दिखाने को कहा तो उन्होंने इसके लिए 24 घंटे का समय देने की मांग की। टीम ने अफसरों के निर्देश का हवाला देते हुए मोहलत देने से इन्कार किया तो हंगामा शुरू हो गया। कई और वकीलों के आने के बाद वे इकट्ठे होकर निगम टीम और बुलडोजर के सामने अड़ गए। इस पर उसे पीछे हटना पड़ा।
हंगामे के बीच पहुंचे अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बात की। पदाधिकारियों ने भी 24 घंटे का समय देने की मांग की। कहा, सोमवार को अलाटमेंट के कागज दिखा दिए जाएंगे। अपर नगर आयुक्त ने समय देने से साफ इन्कार करते हुए कहा कि बिना अनुमति लिए रातोंरात चैंबर रखा गया है। हंगामे और शोरगुल के बीच बहस चलती रही। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने नगर निगम के उच्चाधिकारियों से फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई। वकीलों के विरोध की वजह से शाम चार बजे तक चैंबर नहीं हट पाया तो सिटी मजिस्ट्रेट राकेश कुमार गुप्ता पहुंचे। उन्होंने नगर निगम और पुलिस के अधिकारियों को हड़काया। कहा, जब अनधिकृत रूप से खोखा रखा गया है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। क्या हर जगह उन्हें आना पड़ेगा। इसके बाद शाम चार बजे नगर निगम की टीम ने बुलडोजर चलाकर चैंबरनुमा खोखा तोड़ दिया। बहाने से वकीलों को हटाया फिर बुलडोजर चलाया महिला वकील ने लगाया रिश्वत मांगने का आरोप सिटी मजिस्ट्रेट से डांट खाने के बाद नगर निगम के लोग प्रेरणा सिंह और उनके साथी वकीलों को चैंबर के लिए दूसरी जगह दिखाने के बहाने अलग ले गए, इसी बीच बुलडोजर ने चैंबर तोड़ दिया। इससे गुस्साई प्रेरणा ने धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि निगम अधिकारियों ने उनसे दस लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। अब वह यहीं अपना चैंबर लगाएंगी। कहा, वह लड़की हैं इसलिए ऐसा किया गया। चैंबर रातोंरात नहीं रखा गया है, पहले से यहां है। वकीलों और नगर निगम की टीम में चैंबर हटने के बाद बी नोकझोंक चलती रही। कुछ देर बाद टीम वहां से चली गई लेकिन वकीलों ने खोखे के पास खाली जमीन पर अपने चैंबर लगाने का एलान करते हुए दीवार पर अपने नाम भी लिख दिए।
छुट्टी का दिन न होता तो मुश्किल था चैंबर हटना नगर निगम और प्रशासन के अफसरों को पहले से चैंबर हटाने पर वकीलों की तरफ से भारी विरोध होने की आशंका थी, इसीलिए उन्होंने चैंबर हटाने के लिए रविवार की छुट्टी का दिन चुना। नगर निगम की टीम पहुंचने से करीब दो घंटे पहले ही काफी तादाद में पुलिस फोर्स भी वहां तैनात कर दिया गया। हालांकि इसके बावजूद तमाम वकील कलक्ट्रेट पहुंच गए और उन्होंने नगर निगम की कार्रवाई का जमकर विरोध किया। चैंबर हटाने के बमुश्किल दस मिनट के काम के लिए नगर निगम की टीम को छह घंटे तक जद्दोजहद करनी पड़ी। नगर निगम की जमीन पर अनधिकृत रूप से खोखा रातोंरात रखा गया था। महिला वकील के पास इसका अलाटमेंट नहीं था। वह कागज नहीं दिखा पाईं। इसलिए कार्रवाई की गई। रिश्वत आदि के आरोप बेबुनियाद हैं। – अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त द्वितीय