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28 दिसंबर 1885 को एलेन ओक्टेवियन ह्यूम ने कांग्रेस की स्थापना की थी. वह इटावा के कलेक्टर रहे थे. आजादी के बाद अधिकांशतः पार्टी का अध्यक्ष पद गांधी परिवार के पास रहा है.देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इन दिनों गुटबाजी और अंदरूनी विरोध का सामना कर रही है. कई बड़े नेता पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं. पार्टी के पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने की मांग हो रही है. कांग्रेस हाईकमान ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है. 17 अक्टूबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराए जाएंगे. देश की सबसे पुरानी और मुख्‍य विपक्षी पार्टी कांग्रेस आज से 136 साल पुरानी है. इस पार्टी का इतिहास आजादी के पूरे संघर्ष से जुड़ा हुआ है. आखिर इस पार्टी की स्थापना हुआ कैसे थी और इस पार्टी के गठन की पीछे क्या उद्देश्य था, विस्तार से समझते हैं. कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज के दौरान 28 दिसंबर 1885 को हुई थी. एलेन ओक्टेवियन ह्यूम 1857 के गदर के वक्त इटावा के कलेक्टर थे. ह्यूम ने खुद ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आवाज उठाई. वह थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य भी थे. उन्होंने 1882 में पद से अवकाश लेकर कांग्रेस यूनियन का गठन किया. उन्हीं की अगुआई में बॉम्बे में पार्टी की पहली बैठक हुई थी. कांग्रेस के संस्थापकों में ए. ओ. ह्यूम, दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे. व्योमेश चंद्र बनर्जी इसके पहले अध्यक्ष बने. शुरुआती वर्षों में कांग्रेस पार्टी ने ब्रिटिश सरकार के साथ मिलकर भारत की समस्याओं को दूर करने की कोशिश की और इसने प्रांतीय विधायिकाओं में हिस्सा भी लिया लेकिन 1905 में बंगाल के विभाजन के बाद पार्टी का रुख कड़ा हुआ और अंग्रेजी हुकूमत के खि‍लाफ आंदोलन शुरू हुए.

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