किसी देश का युवा पीढ़ी में मादकता के अति सेवन के आदते डाल दो तो वह देश स्वतः ही विनष्ट होता जायेगा। शराब पीने के कुछ समय के बाद में ही इसका एल्कोहल खुन में मिलकर रक्त कोशिकाओं के माध्यम सें सारे शरीर में फैल जाता है।
इसके विजातीया ज़हर को बाहर निकालने के लिए शरीर के सम्पूर्ण तंत्रिका तंत्र को बहुत अधिक मेहनत करना पडता है। सर्वाधिक संवेदनशील आँतो में चहुँचकर यह व्यक्ति के पेट में परमानेट रोग बना देता है। मस्तिष्क के सूक्ष्म कोष एक बार क्षमिग्रस्त हो जानें पर कभी सुचारु रुप सें कार्य नही कर पातें