इसके पहले उन्होंने प्रबंधन सें चर्चा कर मामले का निराकरण करने की मांग की थी लेकिन प्रबंधन द्वारा समस्या का निराकरण नही कर पाने की वजह से अटेंडेंट धरने पर बैठ गए। आंदोलनकारी सुषमा साहू नें बताया कि सेक्टर 9 आस्पताल में आउट सोर्स पर करीब 100 अटेंडेंट रखे जाते है। इनमे सें 28 अटेंडेंट को ठेकेदार नें एक अक्टूबर से काम से हटा दिया गया है। जवाहर लाल नेहरु चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र सेक्टर-9 में अटेंडेंट का नया ठेका होते ही नए ठेकेदार रघुवंशी ने पुराने अनुभवी कर्मियों अटेंडेंट व वार्ड ब्वाय को कम वेतन पर काम पर रखने की बात कही। जब अटेंडेंट ने न्यूनतम मजदूरी की बात की तो उन्हें काम से बैठा देने की बात की और जबरन निकाल भी दिया और नई भर्ती की कवायद शुरू कर दी गई। विरोध के बाद अब ठेका चलाने में ठेकेदार ने असहमति जाहिर की है।
जबकि उन्हे 31 मार्च तक के लिए गेटपास जारी किया गया है। अचानक काम से हटाए जाने को लेकर ठेकेदार और फिर अस्पताल प्रबंधन सें चर्चा की गई। उनसे समस्या का निराकरण नही हुआ तों आईआर विभाग सें संपर्क किया गया। यहां जानकारी दी गई कि कोई भी इस मुददे पर चर्चा करने का तैयार नही है। इसके बाद काम से हटाए 7 नवंबर सें आईआर विभाग के सामने धरने पर बैठ गए है। इतना ही नही उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द उन्हें काम पर वापस नही रखा गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।