आजीविका में सुधार को समेकित मत्स्य पालन आवश्यक
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पटना: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में खगड़िया जिला के किसानों के लिए दिनांक 20 जनवरी 2025 को पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। जिसमें डॉ. आशुतोष उपाध्याय प्रभागाध्यक्ष, भूमि एवं जल प्रबंधन ने समेकित मत्स्य पालन के विभिन्न अवयवों के महत्त्व की जानकारी देते हुए आय बढ़ाने के लिए जल संसाधन के समुचित उपयोग की जानकारी दी। डॉ. कमल शर्मा प्रभागाध्यक्ष, पशुधन एवं मत्स्यिकी प्रबंधन ने किसानों को इस प्रशिक्षण की उपयोगिता से अवगत कराया। प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. विवेकानंद भारती, वैज्ञानिक ने किसानों को पाँच दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया। डॉ. शैलेन्द्र राउत वैज्ञानिक, मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा ने किसानों को मत्स्य पालन के साथ मखाना और सिंघाड़ा उत्पादन की विधि की विस्तृत जनकारी दी। डॉ. तारकेश्वर कुमार, वैज्ञानिक एवं पाठ्यक्रम सह-निदेशक ने किसानों को वैज्ञानिक मत्स्य पालन के लिए मछली की विभिन्न प्रजातियों की पहचान की महत्ता के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण उद्घाटन कार्यक्रम में डॉ. एस. के. अहिरवाल, वैज्ञानिक सह-पाठ्यक्रम निदेशक, डॉ रजनी कुमारी, अमरेंद्र कुमार, अमितेश कुमार एवं सुनील कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही। विदित हो कि संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास के मार्गदर्शन में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित है।