Wed. Feb 5th, 2025

पटना: धान-परती भूमि में रबी फसल उत्पादन के दौरान किसानों को नमी की कमी और सिंचाई सम्बंधी समस्याओं से निपटने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना विशेष प्रयास कर रहा है। जिसमें संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास और डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक की बहुविषयक टीम ने किसानों को उन्नत कृषि तकनीक से भूमि प्रबंधन में सुधार और उत्पादन क्षमता में वृद्धि के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दिशा में दिनांक 20 जनवरी 2025 को गया जिला के टेकारी प्रखंड के गुलेरियाचक गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में किसानों को विभिन्न उन्नत कृषि उपायों की जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए उपयुक्त उपायों पर चर्चा की गई। दलहन और तिलहन की सर्वोत्तम किस्मों की पहचान और उनके लाभ भी बताए गए। विशेष रूप से उर्वरक प्रबंधन, सिंचाई प्रणाली और मृदा संरक्षण के महत्व पर किसानों को विस्तार से बताया गया। किसानों को एनपीके (15:15:15) स्प्रे के लाभ के बारे में बताया गया, जो असिंचित परिस्थितियों में फसलों की वृद्धि में सहायक होता है और सूखा सहनशीलता में वृद्धि करता है। इस विशेष उर्वरक का प्रयोग फसलों की उत्पादन क्षमता में सुधार लाती है और जल की कम उपलब्धता वाले क्षेत्रों में उपज में वृद्धि होती है। इस कार्यक्रम में 25 किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर, गया ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस तरह के कार्यक्रमों से किसानों को कृषि में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करने की प्रेरणा  मिलती है।
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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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