गहमर के ग्रामीणों ने कोतवाल के खिलाफ खोला मोर्चा
एशिया के सबसे बड़े गांव के रुप में विख्यात गहमरवासियों ने गहमर थाना के पुलिस प्रभारी (एसएचओ) के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। सूत्र बताते हैं कि गहमर थाना प्रभारी (कोतवाल) ने फरियादियों के साथ दुर्व्यवहार एवं गाली गलौज किया। गहमर के लोगों का कहना है कि एसएचओ अंग्रेज नहीं और गांव के लोग गुलाम नहीं, किसी को गाली देने का अधिकार भारतीय संविधान किसी को नहीं डेता हैं। बताया गया है कि गहमर थाना में फरियाद लेकर पहुंचे लोगों का काम नहीं करने वाले गहमर थाना के इंस्पेक्टर अशोक कुमार मिश्रा के विरुद्ध ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। सूत्रों ने यह भी बताया है कि ग्रामीणों ने गहमर कोतवाली पर प्रदर्शन भी किया। गाजीपुर जिला पुलिस कप्तान को ग्रामीणों ने कोतवाल मिश्रा के अमानवीय व्यवहार से अवगत कराया है। पुलिस कप्तान के व्हाट्सएप पर इंस्पेक्टर अशोक मिश्रा के विरुद्ध शिकायत भी दर्ज कराया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गहमर गांव के सुधीर सिंह गहमरी, चंदन सिंह, सुनील कुमार सिंह अलग-अलग मामले को लेकर कोतवाल श्री मिश्र के पास फरियाद लेकर पहुंचे। श्री मिश्र फरियादियों की फरियाद सुनने के बदले फरियादियों से दुर्व्यवहार लगे। इंस्पेक्टर अशोक ने प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां कामख्या धाम के पुजारी हिमांशु तिवारी के साथ भी दुर्व्यवहार व गाली गलौज किया। कोतवाल के अमानवीय व्यवहार की जानकारी मिलते ही गहमर के ग्रामीण आक्रोशित हो गए। दर्जनों ग्रामीणों ने कोतवाली पहुंचकर कोतवाल श्री मिश्रा से इस बाबत पूछताछ किया। इस क्रम में श्री मिश्रा और ग्रामीणों के बीच तीखी नोंक झोंक भी हुई।
ग्रामीणों ने पुलिस कप्तान से फोन पर वार्ता कर उन्हें स्थिति से अवगत कराया। ग्रामीणों का आरोप है कि कोतवाल श्री मिश्रा पशु तस्करो को संरक्षण देने के अलावा बालू माफियाओं को ओवरलोड बालू के संचालन को बढ़ावा दे रहे हैं। इस बाबत गहमर के कोतवाल अशोक मिश्र के हवाले से बताया गया है कि एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी के आर्थिक हेरा फेरी को लेकर अनावश्यक दवा बनाया जा रहा था।