पटना साहिब लोकसभा में सर्वाधिक मतदाता साहू, वैश्य-अतिपिछड़ें वर्ग की संख्या: डॉ वीरेन्द्र कुमार नारायण
पटना : सम्पूर्ण बिहार की 40 सीटों में किसी भी दल अथवा गठबंधन ने तेली समाज के एक भी नेता को लोकसभा प्रत्याशी नहीं बनाया है। यहाँ तक की करीब बीस प्रतिशत आबादी वाले वैश्य समाज को इंडिया गठबंधन या भाजपा गठबंधन ने मात्र एक-दो सीट देकर खनापूरी करने का काम किया है। ऐसे में सम्पूर्ण बिहार का तेली समाज और वैश्य -अतिपिछड़ा वर्ग काँग्रेस नेतृत्व से मांग करता है कि कॉंग्रेस में दो दशक से पटना सहित बिहार भर में सक्रिय बिहार युवा कॉंग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय वैश्य महासभा के प्रदेश युवाध्यक्ष एवं अखिल भारतीय अतिपिछड़ा संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक मंजीत आनन्द साहू को पटना साहिब लोकसभा से प्रत्याशी बनाने पर पुनर्विचार करे। डॉ वीरेंद्र कुमार नारायण ने कहा कि पटना साहिब लोकसभा में सर्वाधिक मतदाता साहू, वैश्य -अतिपिछड़ें वर्ग का है। इण्डिया गठबंधन ने पहले से सात कुशवाहा को उम्मीदवार बना चुकी है। यहाँ से अभी घोषित उम्मीदवार भी कुशवाहा हैं। कॉंग्रेस ने झारखंड की गोड्डा सीट, यूपी की सीतापुर सीट सहित कई राज्यों मे सामाजिक व राजनीतिक समीकरणों के दृष्टिगत प्रत्याशियों की सूची में संशोधन किया जा चुका है। उसी प्रकार बिहार में भी ऐसा किया जाना आवश्यक है। साहू समाज के डॉ नारायण ने कहा है कि कांग्रेस अगर ऐसा करती है तो न केवल पटना साहिब में जीत सुनिश्चित हो सकती है, बल्कि काँग्रेस को उनकी सभी नौ सीटों सहित इंडिया गठबंधन को बिहार झारखंड की सभी सीटों पर इसका लाभ होगा। कॉंग्रेस पैराशूट कैंडिडेट जिनकी कोई खुद की पहचान नहीं है ऐसे नेता पुत्रों को टिकट देकर भारी क्षति से बचे।