राम ने रावण पर जो विजय प्राप्त किया था वह कौन सा विजय थे। क्या वह शस्त्र बल और शारीरिक बल का विजय थे। जिस अपूर्व विजय के पावन स्मृति में विजय दशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाता है। वह निश्चय ही कोई सामान्य विजय और सामान्य हिसात्मक संग्राम का सफलता नही रहे होगे। तब वह अलौकिक और अनुपम विजय अथवा सफलता क्या था । किस बात के थे।
वास्तविक रुप राम का दो स्वरुप हमारे सम्मुख आते है। राम का पहला स्वरुप निराकार परमपिता परमात्मा का है। दूसरा त्रेतायुग के दैवी गुणधारी राजा राम है। जो शरीरधारी है। और मनुष्य रुप में देवता हैं तथा मर्यादा पुरुषोत्तम है। निराकार राम अध्यात्म विद्या के ईश्वर अथवा प्रभु है। वे ही परम कल्याणकारी रुप में भगवान शिव है। ऐसी कथा है। कि शिव भगवान जब अपनी शक्तियो सहित संसार में अवतरित होते है। त बवे असुरो का आसुरी राज्य और विकारी एंव हीन समाज का अन्त करके विश्व को नवीन और अविकारी बना देते है।