आज विश्व में नैतिकता का घोर पतन हो रहा है। अनेक देशो में विनाश के बादल मंडरा रहे है। भौतिकता की आंधी ने मानव मन को बेलगाम और चंचल बना दिया है, तब आशा की किरण आध्यामिकता के लिए सारा संसार भारत की ओर टकटकी लगाए हुए है। भारत देश सारे विश्व के लिए तीर्थ स्थान है। मन को स्थिर करने का उपाय राजयोग शिक्षक भारत में मिलते है। यह भी दुनिया जानती है। यदि मन नियंत्रण में होगा तो आसपास की सब परिस्थितियों पर नियंत्रण करना कठिन नहीं है।
आज भारत में समलिंगी विवाह करने वालें की समस्य सोचने को मजबूर करती हैं कि आध्यिात्मिकता को किनारे कर भौतिकवादिता की अंधीदौड में शामिल होने से हमारी अपने प्रति योग्य निर्णय करने की क्षमता कुंद होती जा रही है।
आध्यात्मिक दृश्टि देखें तो ये समस्या पूर्वजन्मो का खेल है। जिसे हम सभी को जानना जरुरी है। इसका समाधान आध्यात्मिक ज्ञान और सहज राजयोग के द्वारा ही निकाला जा सकता है।