Sun. Sep 14th, 2025

आमजन में डेंगू के प्रति जागृति के साथ रोगी के घरों के पास 500 मी. में हो रही फॉगिंग 

बेतिया । पश्चिम चम्पारण जिला के रामनगर, नरकटियागंज, चनपटिया, बगहा व अन्य डेंगू प्रभावित स्थानों पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग  फॉगिंग करा रहा है। जिससे डेंगू के मामलों में कमी आ सके। डेंगू के रोगी मिलने पर लोगों को जागरुक करने के साथ रोगी के घरों के पास 500 मी. के दायरे में फॉगिंग कराई जा रही है। जिला में अब तक 155 से अधिक डेंगू के मामले आ चुके हैं। इस सम्बन्ध में जिला के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि डेंगू मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। मादा एडीज़ मच्छर के काटने से शरीर में डेंगू फैलता है। ये मच्छर अधिकांशतः दिन में काटता है। यह स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, काला पखाना होना आदि डेंगू के लक्षण हैं। इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट काउंट कम होने लगता है। ऐसे लक्षण हो तो तत्काल सरकारी अस्पताल जाकर इसकी जाँच करवानी चाहिए। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल जरूरी : जिला के सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया कि डेंगू बरसात के मौसम के बाद के महीनों यानी अगस्त से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। वहीं ठंड बढ़ने के साथ ही इसके मामलों में कमी आने लगती है। फ़िर भी सभी को इससे सतर्क रहने की जरूरत है। इससे बचने के लिए सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए। डेंगू से बचाव हेतु की जा रही है तैयारियां: भीबीडीएस प्रकाश कुमार ने बताया कि बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए 18 बेड तो बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में 06 बेड एवं नरकटियागंज अनुमंडलीय अस्पताल में 06 बेड तैयार किए गए हैं। सभी बेड मच्छरदानी युक्त हैं। डेंगू मरीजों की चिकित्सा विभाग द्वारा निगरानी की जा रही है। अनुमंडलीय अस्पताल एवं जिले के सभी सीएचसी, पीएचसी और रेफरल अस्पताल में डेंगू किट की व्यवस्था की गई है।
इन उपायों द्वारा डेंगू से सुरक्षित रह सकते हैं: सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का उपयोग करें।
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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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