जानते हैं सब कुछ फिर भी अनजान बनते हैं लोग, जिंदगी को छोड़कर अपनी मौत को चुनते हैं लोग : डॉ प्रेम

तंबाकू सेवन हानिकारक व पीड़ादायक, स्वास्थ्य रक्षा स्वयं करें, अन्यथा परिणाम पीड़ादायक व घातक
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बेतिया : विश्व में तंबाकू से मृत्यु में वृद्धि के दृष्टिगत रोकथाम के लिए 31 मई 1988 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस घोषित कर, तंबाकू निषिद्ध करने के लिए जागरुकता अभियान निरंतर प्रतिवर्ष संचालित किया जा रहा है। सोसाइटी में जागरुकता कर लोगों को बचाया जा सके। उपर्युक्त विचार डॉ राजीव कुमार रंजन विभागाध्यक्ष कम्युनिटी मेडिसिन ने राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल बेतिया में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किया। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल की अधीक्षक डॉ सुधा भारती ने कहा कि भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक तंबाकू उत्पादक देश है। भारत में 2025 तक तंबाकू के उपयोग से प्रभावित आबादी लगभग 28.6 प्रतिशत है। जिसमें पुरुषों की संख्या 42.4% है और महिलाओं की संख्या 14.2 प्रतिशत है। तंबाकू को विभिन्न रुप में उपयोग करता है जैसे सिगरेट बीड़ी, हुक्का, पान मसाला, गुटका शामिल है। डॉ चंदेश्वर चौधरी विभागाध्यक्ष एनेथेसिया जीएमसीएच ने कहा कि तंबाकू स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालता है। तंबाकू के सेवन से विभिन्न प्रकार के स्वास्थ समस्याएं उत्पन्न होती है यथा फेफड़े का कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी में पथरी, मुंह का कैंसर का शिकार हो जाता है।
जीएमसीएच डॉ प्रेम ऑक्यूपेशनल थैरेपी ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी जानते हैं, सब कुछ, फिर भी अनजान बनते हैं लोग। जिंदगी को छोड़कर अपनी मौत को चुनते हैं लोग, फूंकते हैं कलेजा अपना, गुटखा, बीड़ी सिगरेट से जब बात बिगड़ जाती है तब पछताते हैं लोग। इस अवसर पर डॉ इरफान, डॉ तबरेज, डॉ खुर्शीदा, डॉ हिमांशु, डॉ अमित व इंटर्नशिप और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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