नफरत की सरजमी में मै प्यार के बीज बोता हूँ,
क्योंकि मैं एक फरिश्ता होता हूं एक फरिश्ता होता हूँ।
चरों ओर मेंरी बसन्ती फुलवारी मुसकाती है,
खेती जवां होकर खेतों में लहराती है।
धरती पर हो स्वर्ग ऐसा सबको एहसास कराता हूँ,
क्योंकि मैं एक फरिश्ता होता हूं एक फरिश्ता होता हूँ।
बाबा के आशीर्वाद से सब में आत्मिक खुशी लाता हूँ,
उत्साह उमंग की लहरो को खुशनुमा बनाता हूँ।
सकाश देता हूँ समस्त भाई बहनो और वीर जवानो को,
क्योंकि मैं एक फरिश्ता होता हूं एक फरिश्ता होता हूँ।