Wed. Jan 29th, 2025

प्रशिक्षण में किसानों को उन्नत तकनीकों की जानकारी दी गई

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पटना : प्राकृतिक दृष्टि से खगड़िया जिला मत्स्य पालन के संसाधनों से परिपूर्ण माना जाता है। खगड़िया में जल संसाधन के साथ-साथ मत्स्य बाजार भी उपलब्ध है, लेकिन यहाँ के किसानों में मत्स्य पालन की जानकारी का अत्यंत आभाव है। जिसके कारण वहाँ के मत्स्य पालक किसान मत्स्य पालन की ओर कम ध्यान देते हैं׀ इसलिए मत्स्य संसाधन और किसानों की समस्या के दृष्टिगत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना ने मत्स्य पालक किसानों के लिए पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।जिसका सफलतापूर्वक समापन दिनांक 24 जनवरी 2025 को हुआ׀ उपर्युक्त प्रशिक्षण के क्रम में किसानों को वैज्ञानिक विधि से तालाब खुदवाने, उचित मूल्य पर मत्स्य बीज पैदा करने, तालाब प्रबंधन, मत्स्य उत्पादन में आहार और पोषण का महत्व, मखाना और सिंघाड़ा का समेकित मत्स्य पालन की जानकारी दी गई। गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी तथा बत्तख का मत्स्य पालन में समावेश कर मत्स्य पालन में लागत कम करके किसानों की आय वृद्धि की विधि बताई गई׀ प्रशिक्षण में चौर और मन का उपयोग पेन तथा केज मत्स्य पालन की भी जानकारी दी׀ लघु और सीमांत किसानों के लिए बायोफ्लॉक लगाने के तरीकों की विस्तृत जानकारी किसानों को दी गई׀ किसानों को मत्स्य पालन से जुड़ी भारत सरकार तथा राज्य सरकार की सभी योजनाओं के बारे में बताया गया। किसानों को उत्तम ढंग से समेकित मत्स्य पालन के लाभ को दिखाने के लिए बिहार के प्रगतिशील किसानों के बीच प्रक्षेत्र भ्रमण कराया गया׀ इस प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान खगड़िया के किसानों को मत्स्य बीज उत्पादन के लिए जंदाहा, वैशाली ले जाया गया तथा चौर विकास द्वारा मत्स्य पालन के लिए सराय रंजन, समस्तीपुर ले जाया गया। इस प्रशिक्षण समारोह के दौरान डॉ. कमल शर्मा, डॉ. पी. सी. चंद्रन, डॉ विवेकानंद भारती, डॉ. तारकेश्वर कुमार, डॉ. रजनी कुमारी, डॉ. एस. के. अहीरवाल, अमरेंद्र कुमार तथा अमितेश कुमार मौजूद रहे׀ यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संस्थान के निदेशक डॉ अनुप दास के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ׀

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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