ग्राम पंचायत राज डुमरिया में खेल मैदान व मेला ग्राउंड पर प्रस्तावित पंचायत सरकार भवन के निर्माण के विरुद्ध रामपुर के ग्रामीण गोलबंद
APNI BAT/apnibaat.org
नरकटियागंज : बिहार सरकार की नीति आमजन की समझ से परे है। बिहार सरकार एक तरफ़ खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए कृत संकल्पित है। दूसरी तरफ मेला ग्राउंड एवं खेल के मैदान पर पंचायत सरकार भवन के निर्माण की स्वीकृति देना ग्रामीणों व बुद्धिजीवियों के समझ से परे है। पंचायत सरकार भवन के निर्माण की स्वीकृति के विरुद्ध ग्रामीणों की गोलबंदी तेज हो गयी है। नरकटियागंज प्रखंड के डुमरिया पंचायत अंतर्गत रामपुर गाँव में जिस स्थल पर पंचायत सरकार भवन का निर्माण प्रस्तावित है।
वह स्थल सार्वजनिक खेल के मैदान के साथ बहुसंख्यक सनातनी समाज का दशकों से नागपंचमी का मेला ग्राउंड भी है। ग्रामीण बताते हैं कि मेला ग्राउंड के बगल स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय विद्यार्थियों व आंगनबाड़ी केंद्र के नौनिहालों के खेलने का एकमात्र क्रीड़ा मैदान है। उपर्युक्त आशय से सम्बंधित आवेदन अंचल पदाधिकारी (सीओ) नरकटियागंज को देकर ग्रामीणों ने प्रस्तावित पंचायत राज भवन के निर्माण के लिये दूसरा स्थल चयनित करने का अनुरोध किया है।
ग्रामीणों ने अंचल प्रशासन से अनुरोध के साथ चेतावनी दिया है कि यदि प्रशासन अपना रुख परिवर्तित नही करता है तो ग्रामीण सिविल नाफरमानी करने को बाध्य होंगे। ग्रामीण सत्याग्रह व अहिंसक आंदोलन कर प्रशासन को निर्णय बदलवाने को बाध्य करेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता व ग्रामीण कुणाल प्रताप सिंह ने बताया कि अत्यंत दुःखद पहलू है कि सरकार खेलकूद के विकास के लिये बिहार में अरबों रुपए खर्च कर खेल मैदान उपलब्ध करा कर स्टेडियम निर्माण करा रही है। दूसरी तरफ ग्राम पंचायत राज डुमरिया के रामपुर गाँव में मुखिया व अंचलकर्मियो की मिलीभगत से पूर्व में स्थित खेल मैदान व मेला ग्राउंड का अस्तित्व समाप्त करने का षड्यंत्र कर रहे हैं। जिससे न केवल खिलाड़ियों का भविष्य अंधकारमय होगा बल्कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर पानी फेरने का षड्यंत्र किया जा रहा है। ग्रामीण मदन यादव ने बताया कि इस ग्राउंड में शिव मन्दिर भी है और प्रतिवर्ष नागपंचमी का मेला व महावीरी अखाड़े के आयोजन भी किया जाता रहा है। जिसमें दर्जनों गांव की अधिसंख्य जनता शामिल होती है। सामाजिक कार्यकर्ता झुन्नू पांडेय ने कहा कि कमीशनखोरी के चक्कर में जनप्रतिनिधि गांव की साझी सांस्कृतिक विरासत को बर्बाद करने पर आमादा हैं। जिसका प्रत्येक स्तर पर विरोध किया जाएगा।
सीओ को सौंपे आवेदन में रवीन्द्र सिंह, दिलीप यादव, घनश्याम राव, अमरेश यादव, रवीन्द्र शर्मा, डोम बीन, रामानन्द बीन, रामबाबु राव, दशरथ यादव, महेंद्र यादव, जयकरण राम, नूर अख्तर, अरविंद राव, रंजन राव, हीरामन राम, बिगा चौधरी, दिनेश यादव, छोटेलाल पासवान, रंजय पासवान, उमेश कुमार निराला, मनोज राव, छोटेलाल राम, ज्ञानी राम, बैधनाथ यादव, शिवधर मुखिया सहित दर्जनों लोग शामिल बताए गए हैं।
सीओ को सौंपे आवेदन में रवीन्द्र सिंह, दिलीप यादव, घनश्याम राव, अमरेश यादव, रवीन्द्र शर्मा, डोम बीन, रामानन्द बीन, रामबाबु राव, दशरथ यादव, महेंद्र यादव, जयकरण राम, नूर अख्तर, अरविंद राव, रंजन राव, हीरामन राम, बिगा चौधरी, दिनेश यादव, छोटेलाल पासवान, रंजय पासवान, उमेश कुमार निराला, मनोज राव, छोटेलाल राम, ज्ञानी राम, बैधनाथ यादव, शिवधर मुखिया सहित दर्जनों लोग शामिल बताए गए हैं।
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