वर्तमान समय स्मृति का कमजोर होना कुछ पल पहले की कही बात को भूल जाना, इस तरह की मानसिक बीमारी एक महारोग बनती जा रही है। अच्छे अच्छे पढे लिखे विद्वान भी इस रोग का शिकार होते जा रहा है। अक्सर विद्यार्थी युवा इस तरह की शिकायते करते रहते है। इसका एक कारण मन की स्थिति है। यदि मन अशांत असंतुष्ट उलझा हुआ, ज्यादा सोच विचार करने वाला है। तो कोशिश करने के बावजूद भी स्मृति में कुछ ठहरता नही। अतः मन में उठने वाले संकल्प पर ध्यान देना चाहिए। जिसके मन के विचारो की गति धैर्यवत् शांत हैं अर्थात् एक मिनट में चलने वाले विचार 8 से 10 हैं। उनकी स्मृति शक्तिशाली होती है। संतुष्ट निर्मल व आनंदमय स्थिति में रहने वाले के मन में सब कुछ याद रहने लगता है। कई वर्ष पहले की कही हुई बाते उन्हे एक फिल्म के माफिक याद रहती है। जैसे कि वही घटना वर्तमान में घटित व दुष्टित हो रही हो। इसकी मिसाल हमारी प्यारी दादी जानकी थी। वे अक्सर ब्रहा्रा बाबा व मम्मा के उदाहरण अपनी क्लास मे सुनाती रहती थी।