सुपेला चौक से लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल तक हाईवे के किनारे खुला नाला है। ब्रिज बनाने वाले ठेकेदार ने ब्रिज के नीचे की सड़क चौडी करने के साथ बिल्कुल किनारे से गुजरने वाले लगभग 600 मीटर नाले को नही ढ़का है। यहां तक कि हजारो लोगो के गुजरने की जगह होने के बाद भी निगम ने भी सुध नही ली हैं। तेज वर्षा होने पर रोड वा नाला एक सामान हो जाता है। सोमवार को बारिश में ऐसी ही स्थिति होने पर रामनगर निवासी उम्र लगभग 45 साल राकेश देवागन की जान चली गई। फिर भी जिम्मेदारो ने आगे हादसा रोकने ग्राउंड पर पहल नही की है। जबकि यह नाला पटरी पार के आधे इलाके के पानी को कोसानाला तक पहुंचाता हैं। पानी के बहाव के हिसाब से चैडाई कम होने से तेज बारिश होते ही उफनने लगता है।