पटना: बिहार राज्य में भौगोलिक संकेत (जी. आई.) उत्पादों से सम्बंधित पंजीकरण प्रक्रिया में गति लाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी की सहभागिता को लेकर दिनाक 21.05.2024 को सचिव कृषि, बिहार सरकार की अध्यक्षता में कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के साथ हाइब्रिड माध्यम से बैठक संपन्न हुई। इस वैठक में राज्य सरकार की तरफ से सभी आलाधिकारी शामिल हुए। विश्वविद्यालय की तरफ से अनुसन्धान निदेशालय के वैज्ञानिक भी शामिल हुए। सचिव श्री संजय अग्रवाल ने जी. आई उत्पादों के पंजीकरण में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा किये जा रहे कार्य एवं भविष्य में कार्य योजना पर संतुष्टि व्यक्त किया। बैठक में डॉ. डी आर सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा तीन बिन्दुओं पर विशेष बल देते हुए पंजीकरण की दिशा में बिहार सरकार के पदाधिकारियों की सहभागिता की अपेक्षा की गयी, कृषक समूहों के संगठन, दस्तावेजो के संग्रहण एवं क्षेत्र विस्तार में सम्बंधित जिला के कृषि अधिकारीयों की सहभागिता की अपेक्षा की गयी। यह आश्वासन भी दिया गया कि शीघ्र ही 3-4 उत्पादों की जी. आई पंजीकरण की सफलता प्राप्त होगी। डॉ. अनिल कुमार सिंह, निदेशक अनुसन्धान, बिहार कृषि विश्वविद्यला, के द्वारा विभिन्न जी. आई उत्पादों के पंजीकरण में हो रही प्रगति का प्रस्तुतिकरण किया गया। निदेशक अनुसन्धान ने लिट्टी चोखा, सोनाचूर चावल, पातं अरहर, तितूवा मसूर, तुबुलिया मक्का, तिपूवा गेहूं पर विस्तृति चर्चा की। उपर्युक्त वैठक में 10 अप्रैल 2024 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में कुलपति की अध्यक्षता में सम्पन्न भौगोलिक संकेत (जी. आई.) उत्पादों से सम्बंधित पंजीकरण वैठक की प्रगति का अवलोकन भी किया।