पटना: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में दिनांक 16 मई 2024 को डॉ. यू.एस. गौतम, उप महानिदेशक (कृषि प्रसार), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ संवाद किया। उन्होंने बताया कि आजकल नई एवं उच्च उपज वाली किस्म एवं उन्नत तकनीक के साथ टिकाऊ कृषि पर भी जोर दिया जा रहा है। किसान भाई को सतत् विकास के लिए टिकाऊ कृषि प्रणाली अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2047 तक हमारे अधिकांश किसान कृषि व्यवसायी के रुप में कार्य करेंगे तथा कृषि सलाह सेवाएं शुल्क आधारित होंगी। इससे पूर्व संस्थान के निदेशक डॉ अनुप दास ने सर्वप्रथम उप महानिदेशक का स्वागत किया एवं संस्थान की महत्वपूर्ण उपलब्धियां की जानकारी दी। अटारी पटना के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार ने इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए युवा वैज्ञानिकों को शोध कार्य के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में डॉ. धीरज कुमार सिंह ने जीरो हंगर एवं जीरो तकनीक अंतर वाले गांव के विकास से संबंधित परियोजना पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, संस्थान के प्रयास (PRAYAS) परियोजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी डॉ. अनिर्बन मुखर्जी ने दी। डॉ. गौतम ने इन परियोजनाओं का मूल्यांकन करते हुए उसे उत्कृष्ट बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिया। डॉ. गौतम ने वैज्ञानिकों से एक-एक गांव विकसित करने को कहा, जहां कोई तकनीकी अंतर ना हो। एक ऐसा गांव जहां कोई भुखमरी ना हो। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से नई-नई अनुसंधान योजनाओं के लिए आवेदन करने का आह्वान किया तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा सभी संभव सहायता देने को कहा। इस दौरान उन्होंने नीति अनुसंधान के क्षेत्र में काम करने का परामर्श भी दिया। डॉ. उज्ज्वल कुमार, प्रभागाध्यक्ष, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।