कहते है। कि जीवन को सफल बनाने के लिए आत्मविव्श्रास का होना बहुत जरुरी है। आत्मविव्श्रास क्या है। हमारे ही तो मन के शक्तिशाली स्थिति है। एक शक्तिशाली मनही हमारे स्थूल कर्मेंद्रियो को कन्ट्रोल कर सकता है। कोई कोई बुजुर्ग या पूर्वज बहुत ही समझदार होते है। जो अपने कर्मेद्रियो को वश में रख पाते है। उन्होनें अपने मन को पहले से ही वश में रखा होता है। जो जुबान पर नियंत्रण कर सकता है। वो सारी कर्मेद्रियों को संयम नियंत्रण में रख सकता है। भोजन हमेशा पेट के लिए खाना चाहिए जुबान के लिए नही अगर हम केवल स्वाद के लिए भोजन खाने लगें तो इसका विपरीत प्रभाव हमारे तन और मन पर जरुर पडेगा। इस लिए शुद्ध और सात्विक भोजन करने की आदत डाल लेना जरुरी है। इससे तन और मन दोनो ही निरोगी रहेगे।