पहले रियासतो में बदला लेने के लिए नारी का अपमान उनका अपहरण उनके साथ दूराचार आदि किया जाता था फिर बाहर से आये हुए आतापाईयो द्वारा महिलाओ की लूट और अपमान बहुत हुआ। देशो के बंटवारे के समय खुली लूट अपमान हमेशा नारी का ही हुआ है। भारत के कई राज्यो में घटनाओं को लोगों ने टेलीविजन पर देखा। यह बर्बरता आज भी जारी है। इसके पीछे भी वही पुरुष प्रधान सोच और नारी को अबला और वस्तु मानना ही रहा है। व्यक्ति बदला लेने या अपमानित करने में यदि पूर्ण दानव नही बन पाता तो वह अपनी दुर्भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए भी अश्लील शब्दावलियो और टिप्पणियो का प्रयोग करता है। यह विकृति सर्वव्यापी प्रवत्ति बन चुके है।