Sat. Sep 7th, 2024

विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय ने जीआई टैग को लेकर की समीक्षा बैठक


कुलपति ने कहा किसानो के महत्वपूर्ण फसलों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में विश्वविद्यालय वैज्ञानिक व तकनीकी सुविधा प्रदान करेगा 

पटना: बिहार कृषि विश्वविद्यालय के सबएग्रीस सभागार में बुधवार को राज्य के विभिन्न जिलों में लंबे समय से किसानों द्वारा की जा रही महत्वपूर्ण फसलों एवं व्यंजनों को जीआई टैग दिलाने को लेकर एक समीक्षा बैठक की गई। उपर्युक्त बैठक का आयोजन शोध निदेशालय ने किया। जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डी आर सिंह ने किया।

कुलपति डॉ डी आर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय किसनो की आय में वृद्धि के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, इसके अतिरिक्त कालांतर से उनके महत्वपूर्ण फसलों की खेती एवं व्यंजनों को जीआई टैग प्रदान करवा कर उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई जाएगी। इस दिशा में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। देश भर में जीआई टैग के आधार पर राज्य का नाम रौशन हो सके और इसका भरपूर लाभ किसानों को भी मिल सके। कुलपति ने कहा कि अब तक 97 स्टार्टअप को उद्यम के रूप में स्थापित करने में तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। कुलपति ने कहा कि से सबएग्रीस से प्रमाणित होने के बाद उस स्टार्टअप की महत्ता और बढ़ जाती है। समीक्षा बैठक में वैज्ञानिकों द्वारा कुल मिलाकर 48 फसलों व व्यंजनों की विशेषताओं को लेकर अपना अपना पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन की प्रस्तुति दी। जिसमें वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार ने मोकामा के मखाना मशरूम, डॉक्टर प्रशांत सिंह ने रोहतास के सोना चूर चावल, डॉ रफत सुल्ताना ने बांका मुंगेर के पाटम अरहर, डॉ अनिल कुमार ने भागलपुर के तितुआ मसूर, डॉ रणधीर कुमार ने पटना के दीघा मालदा आम, डॉ रविंद्र कुमार ने समस्तीपुर के बथुआ आम, डॉ प्रकाश सिंह ने सहरसा के नटकी धान, डॉ के के प्रसाद ने रोहतास के गुलशन टमाटर, डॉ विनोद कुमार ने गोपालगंज के थावे का पुरुकिया, डॉक्टर तुषार रंजन ने सुपौल के पिपरा का खाजा और डॉक्टर सीमा ने पटना के रामदाना लाई पर अपना पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया, जिसे समीक्षा बैठक में उल्लेखनीय बताया गया।

इसके पूर्व निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह ने भौगोलिक सूचकांक की समीक्षा बैठक में कुलपति का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निदेशक अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन बीते 6 माह से अपने वैज्ञानिकों के साथ राज्य भर के विभिन्न जिलों के महत्वपूर्ण उत्पादों को जीआई टैग प्रदान करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में अपने विभिन्न महत्वपूर्ण उत्पादों को लेकर देश भर में बिहार भौगोलिक सूचकांक की सूची में अपना अव्वल स्थान हासिल करने में सफल हो पाएगा। दो सजदा ने सिंदूर के पौधे पर अपना पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रदान किया जिसकी बैठक में भूरी भूरी प्रशंसा की गई। मौके पर विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों के प्राचार्य एवं शोध संस्थानों के वैज्ञानिक व पदाधिकारी उपस्थित रहे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन की औपचारिकता उपनिदेशक अनुसंधान डॉक्टर शैल वाला  ने किया।

Spread the love

By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

Leave a Reply