चनपटिया के बैंक मैनेजर को आधी रात को पटना ले गई सीबीआई, 09 घंटे किया पूछताछ
गिरफ्तार बैंक मैनेजर 18 नवंबर 2020 को चनपटिया शाखा में दिया था योगदान
सीबीआई तीन दिन से चनपटिया में उसे गिरफ्तार करने के लिए डाला डेरा
बेतिया : प्रधानमंत्री मुद्रा लोन में रिश्वतखोरी के मामले में सेंट्रल बैंक चनपटिया के शाखा प्रबंधक अंशु सिन्हा व चतुर्थवर्गीय कर्मचारी दीपक कुमार को सीबीआई की टीम बुधवार की रात पटना ले गई। सीबीआई की टीम ने लगभग नौ घंटे तक बैंक का रिकॉर्ड खंगाला, तत्पश्चात दोनों को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने जांच के क्रम में बैंक से कुछ दस्तावेज भी लिया है।सीबीआई की टीम बुधवार अपराह्न लगभग तीन बजे सेन्ट्रल बैंक की शाखा में पहुंची। सीबीआई की टीम में लगभग एक दर्जन से अधिक पदाधिकारी शामिल रहे। रिश्वत की रकम ट्रैप होने के बाद टीम ने बैंक के सभी कर्मचारियों का सेलफोन जप्त कर लिया है। सेंट्रल बैंक शाखा प्रबंधक और कर्मचारी से रात 12 बजे तक पूछताछ की गई, लगभग 9 घंटे पूछताछ उपरान्त टीम ने शाखा प्रबंधक की गाड़ी की जांच भी किया। उसके बाद सीबीआई ने दोनों को गिरफ्तार कर पटना लेकर चली गई। टीम का नेतृत्व सीबीआई के डीएसपी अमित कुमार ने किया। सीबीआई के हत्थे चढ़ा शाखा प्रबंधक अंशु सिन्हा पूर्णिया जिला का निवासी है। चतुर्थवर्गीय कर्मचारी दीपक कुमार पश्चिम चम्पारण के रामनगर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। शाखा प्रबंधक अंशु सिन्हा चनपटिया शाखा में 18 नवंबर 2020 से कार्यरत रहा। सूत्रों के अनुसार सीबीआई की टीम सबसे पहले शाखा प्रबंधक और चतुर्थवर्गीय कर्मी को बैंक की शाखा से बेतिया स्थित उसके किराया के मकान पर ले गई, जहां से जांच पड़ताल के बाद टीम पटना लेकर गई। जानकारों के अनुसार सेंट्रल बैंक में पिछले दो तीन वर्ष से लोन देने के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल खेला जाता रहा, लेकिन किसी ने इसकी शिकायत करने की जहमत नहीं उठाया।
मुद्रा लोन देने के लिए राहुल से तय किया रिश्वत राशि
नगर पंचायत चनपटिया के वार्ड संख्या 7 निवासी व कपड़ा व्यवसाई राहुल कुमार ने सेन्ट्रल बैंक से मुद्रा लोन के लिए आवेदन किया, लेकिन शाखा प्रबंधक अंशु सिन्हा पिछले कुछ माह से राहुल का लोन पास नहीं कर रहे, राहुल ने बताया कि कुछ दिन पूर्व शाखा प्रबंधक से 5 लाख रुपया मुद्रा लोन के लिए 10 प्रतिशत कमीशन देने की बात तय की गई। जिसकी सूचना उन्होंने सीबीआई को दी। सीबीआई विगत तीन दिनों तक बेतिया में कैम्प कर शिकायत की सत्यता की जांच में जुटी रही। शिकायत की पुष्टि के बाद, बुधवार को सीबीआई ने रिश्वत दिये जाने वाली रकम पर एक केमिकल लगा कर राहुल को दिया। राहुल ने केमिकलयुक्त पांच हजार रुपया देने सेंट्रल बैंक पहुंचा। उसके साथ सीबीआई का एक पदाधिकारी भी ग्राहक बनकर बैंक में दाखिल हुआ। राहुल ने रुपये को शाखा प्रबंधक को देना चाहा परंतु उन्होंने चतुर्थवर्गीय कर्मचारी दीपक कुमार को रुपये देने का निर्देश दिया। दीपक ने रिश्वत की केमिकलयुक्त रुपये ज्यों ही लिया, सीबीआई ने उन्हें दबोच लिया। फिर सीबीआई ने शाखा प्रबंधक के केबिन से लगभग 3 लाख रुपये भी बरामद किया।
गुरुवार को समय पर खुला बैंक
गुरुवार को नीयत समय पर बैंक खुला। बैंक खुलने के बाद बैंकिंग कार्य चालू रहा। बैंक में ग्राहकों की भीड़ सामान्य दिखी, लेकिन वहां तैनात कर्मचारी अज्ञात डर से सहमे दिखे गए। बैंक के कर्मचारी लोगों को कुछ जानकारी देने से परहेज करते रहे। गुरुवार को 10:30 बजे बैंक के एलडीएम सतीश कुमार, चनपटिया शाखा में पहुंचे और बैंक की वस्तु स्थिति से अवगत हुए।